लखनऊ. तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले को लेकर आप सांसद संजय सिंह ने जमकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. सांसद संजय सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज मोदी सरकार के अहंकार का अंत हुआ है. उन्हें चुनाव में हार के डर के कारण मजबूर होकर तीनों काला कानून को वापस लेना पड़ा है. उन्होंने कहा कि मैं देश के करोड़ों अन्नदाताओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं. उनके आंदोलन को नमन करना चाहता हूं. उनके संघर्ष के बदौलत आज ये तीनों काले कानून वापस हुए, लेकिन इसके साथ-साथ यह भी साबित हो गया कि नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार सिर्फ और सिर्फ चुनावजीवी है.
संजय सिंह ने कहा कि आंदोलनजीवी महात्मा गांधी, शहीदे आजम भगत सिंह और बाबा साहब भीम राव आंबेडकर के देश में आंदोलनजीवी करोड़ों अन्नदाताओं ने अपना हक तो ले लिया, लेकिन इसी के साथ यह साबित हो गया कि नरेंद्र मोदी जी आप सिर्फ चुनावजीवी हैं और चुनाव में हार के डर से आपने ये तीनों काला कानून वापस ले लिया है. इस दौरान उन्होंने पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर किसान आंदोलन के दौरान जान गवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि भी दी.
मोदी जी कहां तपस्या कर रहे थे?
संजय सिंह ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री जी को सुन रहा था. वे कह रहे थे कि शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई है. मोदी जी आप जितने भोले बनते है उतने है नहीं. बताइए कहां तपस्या कर रहे थे आप, कहां तपस्या में लीन थे, वहां जहां आंसू गैस के गोले गिर रहे थे या वहां जहां कटीले तार से घेरकर किसानों को अपने देश में ही दुश्मन देश के लोगों की तरह रखा जा रहा था. जब किसानों पर लाठियां बरसाईं जा रहीं थीं, तब आप किस गुफा में तपस्या में बैठे थे. आपकी तपस्या तब भंग हुई जब आप चुनाव हारने लगे. यूपी, गोवा, उत्तराखंड और पंजाब के चुनाव में हार का डर जब आपको सताने लगा तब आपकी तपस्या भंग हुई.'
संजय सिंह ने पीएम मोदी से कहा कि आपको बताना होगा कि आखिर आपने पूरे देश को एक साल तक आंदोलन में क्यों झोंके रखा? आपको आंदोलन में शहीद हुए सैकड़ों किसानों की मौत पर जवाब देना होगा. जब किसान आंदोलन में अपनी शहादत और उनके बेटे सीमा पर अपना बलिदान दे रहे थे, तब आपकी सरकार और भाजपा के नेता किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी और नक्सली बताने में लगे थे. जब किसानों को खालिस्तानी, आतंकवादी कहा जा रहा था तब कहा थे आप? जब आपके नेता किसानों को आतंकवादी कह रहे थे तब कहां थे आप?
संजय सिंह ने कहा, जब ये सब हो रहा था, तब आप बंगाल के चुनाव में लीन थे, जब देश की जनता मर रही थी. मोदी जी जो तपस्या कर रहे थे वो कितनी क्रूर और कठिन थी, यह देश जान चुका है. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे ही नहीं झुकी है. चुनाव में हार के डर के कारण मजबूरी में कानून वापस लिया गया है. आप आज देश के किसानों को नमन करते हैं. यह देश के किसानों के आंदोलन की विजय है, जिनके दम पर आज मोदी जी का अहंकार टूटा है.
सांसदों को संसद से मार्शल से निकलवाया
सांसद संजय सिंह ने कहा, कम संख्या के बाद भी आपकी सरकार ने जबरन संसद में ये तीनों काले कानून पास करवा लिए. आम आदमी पार्टी के सांसदों ने इसका विरोध किया तो मार्शल लगाकर उन्हें सदन से बाहर निकाल दिया गया. लगातार संसद से सड़क तक हम काले कानून लागू न करने की मांग कर रहे थे, तब आप चुप थे. आप अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने का काम कर रहे थे. आपके इस गुनाह के कारण मुझे सदन में माइक तोड़ना पड़ा.' संजय सिंह ने कहा कि अब भी मोदी जी अपने अपने पाप पर पर्दा डालने का काम कर रहे हैं. मैं कहना चाहता हूं कि अगर अब भी आप में जरा भी शर्म बची है, तो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून लाइए. जब आप गुजरात के सीएम थे तब आपने एमएसपी की पैरवी की थी. अब एमएसपी के कानून को संसद के पारित की कीजिए.
मृत किसानों को मिले शहीद का दर्जा और एक करोड़ का मुआवजा
सांसद संजय सिंह ने किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को शहीद का दर्जा देने के साथ उनके परिवार को एक करोड़ का मुआवजा, सरकारी नौकरी देने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि इन शहीद किसानों को देश याद रखे, इसके लिए किसान शहीद स्मृति स्थल बनाइए.
ये तरीका ठीक नहीं है
सांसद संजय सिंह ने कहा कि सरकार की जब मर्जी होगी तब मार देगी और जब मर्जी होगी तो कहेंगे कि सांस ले लो ये तरीका ठीक नहीं है. हमने जब ये बिल संसद में लाया जा रहा था, तभी कहा था कि ये काले कानून किसानों की मौत का फरमान है. पहले दिन से आप का हर नेता और कार्यकर्ता पार्टी अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में इन काले कानूनों के विरोध में था. हम पहले दिन से किसानों के साथ में थे और रहेंगे, लेकिन आपको यह समझने में एक साल क्यों लग गया, ये जनता सब समझ गई है.
सांसद संजय सिंह ने एमएसपी को लेकर समिति गठित करने की बात पर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि समिति गठित करने का मतलब मामले को ठंडे बस्ते में डाल देना है. 33% महिला आरक्षण के साथ भी यही हुआ. समिति गठित करके इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री को झूठ बोलने वाला करार दिया. उन्होंने कहा कि अब तक उनके जैसा झूठ बोलने वाले प्रधानमंत्री कोई और नहीं हुए. संजय सिंह ने कहा कि मोदी जी ऐसी बातें करते हैं, जिसे सुनकर हंसना और रोना दोनों आता है.