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'बिना न्यायिक या अर्ध न्यायिक आदेश का मकान तोड़ना अवैध, बुलडोजर कार्रवाई पर पटना हाईकोर्ट की टिप्पणी

'बिना न्यायिक या अर्ध न्यायिक आदेश का मकान तोड़ना अवैध, बुलडोजर कार्रवाई पर पटना हाईकोर्ट की टिप्पणी

पटना. हाइकोर्ट ने पुलिस के भू माफिया के साथ कथित रूप से मिलीभगत और अवैध रूप से मकान ध्वस्त करने के मामले में सुनवाई की। जस्टिस संदीप कुमार ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को घटना के वीडियो को पेनड्राइव में राज्य सरकार के अधिवक्ता और प्रतिवादियों को देने का निर्देश दिया है। इस मामले पर अगली सुनवाई 20 दिसम्बर 2022 को की जाएगी। इस मामले में याचिकाकर्ता सजोगा देवी है।

आज कोर्ट में पूर्वी पटना के एसपी, पटना सिटी के सीओ और अगमकुआं थाना के एसएचओ के साथ इस घटना से जुड़े पुलिस अधिकारी कोर्ट में उपस्थित होकर अपनी स्थिति स्पष्ट की। कोर्ट ने कहा कि बिना किसी न्यायिक या अर्ध न्यायिक आदेश के मकान तोड़ा जाना अवैध है। उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह पुलिस कार्रवाई करेगी, तो अराजकता फैलेगी।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अवैध रूप से मकान ध्वस्त करने पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि जब ऐसे ही पुलिस काम करेगी, तो सिविल कोर्ट बंद कर दिया जाए।आज कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से इस बात से इनकार किया कि इस घटना में बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कोर्ट को घटना की तस्वीरें भी दिखाई गई।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पुलिस के मनमाने रवैए पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि क्या यहां भी बुलडोजर चलेगा। पुलिस थाने में पैसा देकर मनमाने काम करवाए जा सकते हैं। क्या सारी ताकत पुलिस को मिल गई है क्या? पूर्व की सुनवाई में  कोर्ट को बताया गया कि भू माफिया के शह पर याचिकाकर्ता व उसके परिवार वालो के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है। कोर्ट ने इस प्राथमिकी पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश देते हुए उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया। इस मामल पर अगली सुनवाई 20 दिसंबर 2022 को फिर होगी।

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