PATNA: पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा ने आज बिहार विधानसभा में चौकीदारों-दफादारों के खाली पद पर नियुक्ति लंबित रखने का सवाल उठाया. विस में ध्यानाकर्षण सूचना के तहत बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा ने सवाल उठाया कि दफादार-चौकीदार को पूर्व की सरकार ने चतुर्थ वर्गीय सरकारी कर्मचारी का दर्जा देकर सराहनीय कार्य किया.लेकिन उनके आश्रितों को सरकार बहाली नहीं कर रही है।जिससे पूरे बिहार बड़ी संख्या में आश्रितों के आवेदन लंबित हैं।
अनुकंपा पर ससमय बहाली नहीं होने का मुद्दा सदन में उठा
बीजेपी विधायक ने सदन में कहा कि चौकीदारों-दफादारों की मृत्यु के उपरांत उनके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने का प्रावधान किया गया है. लेकिन ऐसा देखा जा रहा है कि चौकीदार- दफादार के आश्रितों के आवेदन साल दर साल लंबित रखाजा रहा है। समय पर अनुकंपा आधारित आश्रितों की नियुक्ति नहीं होने से गांव असुरक्षित सा हो गया है। सरकार दफादार-चौकीदार के आश्रितों की नियुक्ति समय सीमा के अंदर कराने का प्रावधान करे. बीजेपी विधायक ने यह भी कहा कि सरकार ने 2014 में निर्णय लिया था कि चौकीदार-दफादार अगर समय से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृति लेते हैं उनकी जगह पर उनके परिवार के सदस्य को उस जगह पर नौकरी मिलेगी। लेकिन जिलों में इन दोनों इश्यू पर आश्रितों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छोटी-छोटी कमी की वजह से आवेदन को लंबित रखा गया है। इसलिए सरकार अभियान चलाकर लंबित मामलों का निबटारा करे।
सरकार ने दिया जवाब
विधायक नीतीश मिश्रा के इस ध्यानाकर्षण के जवाब विस में प्रभारी गृह मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने दिया। उन्होंने आश्वस्त किया कि वैसे चौकीदार-दफादार के खाली पदों पर नियुक्ति होगी। उन्होंने कहा कि सरकार दफादार-चौकीदार के आश्रितों की नियुक्ति समय सीमा के अंदर कराने का प्रावधान करेगी। उन्होंने सदन को बताया कि आज ही सभी जिलों को यह निर्देश जारी किया गया है कि तत्काल लंबित मामलों का निबटारा करें।