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बिहार निवास में प्रतिनियुक्ति का खेल ! 11 साल से बिहार निवास में कुंडली मार बैठा है कर्मी, बार-बार कंप्लेन के बाद भी भवन निर्माण विभाग चुप

बिहार निवास में प्रतिनियुक्ति का खेल ! 11 साल से बिहार निवास में कुंडली मार बैठा है कर्मी, बार-बार कंप्लेन के बाद भी भवन निर्माण विभाग चुप

PATNA: बिहार भवन के स्थानिक अभियंता तो गये पर लंबे समय से जमे लिपिक कब हटेंगे ? बताया जाता है कि भवन निर्माण विभाग का वह कर्मी 11 सालों से बिहार भवन में पदस्थापित है। एक जगह पर तीन साल तक ही रखने के प्रावधान होने और विभाग द्वारा बार-बार हिदायत देने के बाद भी अन्य कर्मियों का तो ट्रांसफऱ हो रहा,पर उक्त कर्मी को वहां से स्थानांतरित करने वाले जिम्मेदार अफसरों की मेहरबानी बनी हुई है। लिहाजा बार-बार कंप्लेन के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही. 

बिहार निवास में 11 साल से जमें कर्मी कब हटेंगे

बिहार निवास-भवन के रेजिडेंट इंजीनियर फिरोज आलम के खिलाफ ईओयू की छापेमारी हुई। फिरोज आलम के पास से 2 करोड़ 61 लाख 82 हजार रुपए की संपत्ति मिली थी. छापेमारी के बाद विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया और दूसरे इंजीनियर को को वहां की जिम्मेदारी दी है। ताकतवर इंजीनियर की चलती ऐसी थी कि क्लर्क भी अपने हिसाब से रखते थे. इंजीनियर के निलंबन के बाद उनके खास लिपिक मधुसूदन जो लंबे समय से वहां पदस्थापित हैं उनको हटाने को लेकर कंप्लेन किया गया । कंप्लेन के बाद भी विभाग ने अब तक नहीं हटाया है। एक बार फिर से भवन निर्माण विभाग के सचिव,अभियंता प्रमुख से 11 सालों से बिहार भवन में जमे लिपिक मधुसूदन को हटाने को लेकर आवेदन दिया गया है। अब देखना होगा एक दशक से जमे लिपिक को कब हटाया जाता है।  

तीन साल से अधिक समय तक एक जगह नहीं रह सकते 

भवन निर्माण विभाग ने 22 जून 2022 को एक आदेश निकाला था, जिसमें कहा गया था कि कोई भी एक कर्मी 3 साल से अधिक किसी अंचल-प्रमंडल में पदस्थापित नहीं रहेंगे. 3 साल के बाद अधीक्षण अभियंता अपने क्षेत्र के वैसे कर्मियों का अनिवार्य रूप से स्थानांतरण करेंगे जिनका तीन साल का समय पूर्ण हो गया हो. साथ ही इसकी जानकारी विभाग को देंगे. किसी भी कर्मी की प्रतिनियुक्ति पदस्थापन से अलग जगह पर नहीं की जाएगी. यदि प्रशासनिक दृष्टिकोण से आवश्यक हो तो मुख्य अभियंता के माध्यम से प्रस्ताव विभाग को भेजें. इसके बाद अभियंता प्रमुख इसका अनुमोदन करेंगे. विभाग ने सभी प्रतिनियुक्ति को खत्म कर दिया है।

मंत्री और मुख्य सचिव से कंप्लेन 

स्थानिक अभियंता बिहार भवन फिरोज आलम और उनके खास रहे सहायक मधुसून के खिलाफ विभागीय मंत्री और मुख्य सचिव को कंप्लेन किया गया था. एक ठेकेदार की तरफ से ही कंप्लेन दर्ज की गई है। जिसमें कहा गया है कि बिहार भवन में मुख्यमंत्री सूट के नाम पर लगभग 7लाख का फर्नीचर इंजीनियर फिरोज आलम ने अपने घर पर मंगवा लिया. यह भी आरोप लगाया गया है कि फिरोज आलम द्वारा 10 वर्षों में day2day चार करोड़ की सामान की आपूर्ति की गई. जिसमें 90 परसेंट समान बिहार भवन से गायब है. इसकी भी जांच कराई जाए. फिरोज आलम के द्वारा किए गए हर गलत भुगतान में उसके कर्मचारी मधुसूदन की संलिप्तता है. यहां तक की फिरोज आलम एमबी बुक पर बिल चढ़ाने के लिए जूनियर इंजीनियर से न करा कर खास क्लर्क मधुसूदन से एमबी पर बिल चढ़वाते थे। कंप्लेन में आगे लिखा गया है कि ठेकेदार से कमीशन का पैसा भी चेक से खुद हस्ताक्षर प्रति निकालते थे. जिसकी छाया प्रति संलग्न कर रहा हूं. कंप्लेन में यह भी आरोप लगाया गया है कि स्थानिक अभियंता फिरोज आलम ने पुष्पलता कंस्ट्रक्शन को डमी बनाकर लगभग 10 वर्षों से बिना काम कराए गलत ढंग से 3 करोड़ का भुगतान किया है .


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