GAYA : हड्डी गला देने वाली कड़ाके की बर्फीली ठंड के बीच अपनी जान की परवाह किए बगैर अपने साथियों की जान बचाते हुए गया का लाल कश्मीर में शहीद हो गया. देश की खातिर मर मिटे पुरुषोत्तम कुमार का परिवार जहां एक और सदमे में है. जबकि किसी अधिकारी या जन प्रतिनिधि ने अभी तक शोकसंतप्त परिवार से मिलकर सांत्वना देना मुनासिब नहीं समझा है.
इससे शहीद के परिवार का बेइंतहा दर्द और बढ़ गया है. पुरुषोत्तम का शव अभी गया के चंदौती गांव में नहीं पहुंचा है. लोग अपने लाल की एक झलक पाने के लिए बेताब है. लोगों का रो रो कर बुरा हाल है. पुरुषोत्तम अपने पीछे 3 बच्चे और माता पिता के साथ पत्नी और पूरा परिवार छोड़ गए हैं.
शहीद पुरुषोत्तम की पत्नी बताती है कि मेरे नन्हे मुन्ने बच्चे अब सिर्फ अपने पिता की याद में ही जिएंगे. जीने का सहारा इन बच्चों के सिवाय अब कुछ नहीं बचा.
आपको बता दें कि शहीद पुरुषोत्तम के परिवार की माली हालत बहुत अच्छी नहीं है. फिलहाल पूरा चंदौली गांव पुरुषोत्तम के इंतजार में आंखें बिछाए बैठा है.
गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट