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ओटीए गया में पासिंग आउट परेड का हुआ आयोजन, अंतिम पग पर कदम रख देश की सुरक्षा में तैनात हुए 22 जांबाज अफसर

ओटीए गया में पासिंग आउट परेड का हुआ आयोजन, अंतिम पग पर कदम रख देश की सुरक्षा में तैनात हुए 22 जांबाज अफसर

GAYA : आज अफसर प्रशिक्षण अकादमी, गया का ड्रिल स्क्वायर अपने 18वीं पासिंग आउट परेड के अवसर पर पेशेवर सैन्य वैभव और आकर्षण से सराबोर था. यह पासिंग आउट परेड भारतीय सैन्य इतिहास का एक और गौरवशाली दिन था. जब स्पेशल कमीशन ऑफिसर-45 के 22 जेंटलमैन कैडेट ने अधिकारी के रूप में भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त किया. वहीं टेक्नीकल एंट्री स्कीम के 98 जेंटलमैन कैडेट देश के विभिन्न सैन्य तकनीकी संस्थानों जैसे- मिलिट्री इंजीनियरिंग कॉलेज सिकंदाराबाद, मऊ और पुणे इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के लिए रवाना हुए. इस मौके पर जेंटलमैंन कैडेट द्वारा प्रस्तुत परेड ने उपस्थित सैन्य एवं असैन्य गणमान्य व्यक्तियों, प्रशिक्षुओं के पारिवारिक सदस्यों का मन मोह लिया. 

इस परेड के निरीक्षण अधिकारी ओटीए गया के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल सुनील श्रीवास्तव थे. निरीक्षण अधिकारी का परेड स्थल पर आगमन सैन्य वैभव से परिपूर्ण सुसज्जित बग्घी से हुआ. उनकी आगवानी ब्रिगेडियर संदीप मोहला, डिप्टी कमांडेंट ओटीए गया के द्वारा किया गया. कैडेट्स ने निरीक्षण अधिकारी को सैन्य सैल्यूट दिया. तत्पश्चात एक शानदार मार्च पास्ट करते हुए उन्हें सलामी दी गई. निरीक्षण अधिकारी ने प्रशिक्षण के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने वाले जेंटलमैन कैडेट्स को पुरस्कृत किया. पूरे प्रशिक्षण काल में सभी क्षेत्रों अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षु कंपनी गुरेज को प्रतिष्ठित चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर प्रदान किया गया. इसके बाद परेड को संबोधित करते हुए ओटीए के कमांडेंट सह मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल सुनील श्रीवास्तव ने जेंटलमैन कैडेट्स को उनके बेहतरीन ड्रिल प्रदर्शन के लिए बधाई दी. उन्होंने उनके गौरवशाली भविष्य की मंगलकामना करते हुए कहा कि आपका भविष्य निःस्वार्थ और गौरवमयी सेवा से भरा हो. उन्होने यह भी कहा कि सैनिकों को अपने जीवन में सैन्य गुण और सदभाव को आत्मसात करना चाहिए. 

परेड का समापन कैडेट्स के द्वारा अंतिम पग पर कदम रख कर किया गया. तत्पश्चात अकादमी के एडजुटेंट द्वारा मुख्य अतिथि और सम्मानित व्यक्तियों की गरिमामय उपस्थिति में शपथ ग्रहण कराया गया. नए कमीशन प्राप्त अधिकारियों के कंधे पर रैंक हर पासिंग आउट परेड के दौरान उनके माता-पिता और अभिभावक के द्वारा लगाया जाता था. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण उनके अभिभावक पासिंग आउट परेड में हिस्सा नहीं ले सके. इसलिए उनके कंधों पर सैन्य अधिकारियों ने बैज लगाकर उन्हें देश सेवा के लिए समर्पित किया. 

ओटीए, गया की स्थापना 18 जुलाई 2011 में आदर्श वाक्य शौर्य, ज्ञान और संकल्प(साहस, ज्ञान एवं संकल्प) के साथ हुई. अभी यह अकादमी स्पेशल कमीशन ऑफिसर और टेक्नीकल इंट्री स्कीम जो TES और SCO के रूप में क्रमशः जाने जाते हैं उनका प्रशिक्षण चला रही है. इसमें टीईएस के प्रशिक्षु 10+2 की स्कूली शिक्षा के बाद अकादमी में प्रवेश पाते हैं और प्रशिक्षण प्राप्त कर सशस्त्र सेना का हिस्सा बनते हैं. टेक्नीकल इंट्री स्कीम में प्रवेश पाने वाले कैडेट एक साल का बुनयादी सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर अभियन्त्रिक प्रशिक्षण के लिए देश स्थित सैन्य अभियन्त्रिक संस्थान जाते हैं और तीन वर्षों का तकनीकी प्रशिक्षण पूरा कर वे कमीशन पाते हैं. ओटीए गया में पड़ोसी देशों से भी जेंटलमैन कैडेट कोर्स के लिए आते हैं. 

गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट


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