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DG-IG विवादः सीनियर अफसरों ने CM नीतीश तक नहीं पहुंचाई बात ? परेशान IPS विकास वैभव ने की थी शिकायत...फिर भी कहीं से नहीं मिली थी मदद

DG-IG विवादः सीनियर अफसरों ने CM नीतीश तक नहीं पहुंचाई बात ? परेशान IPS विकास वैभव ने की थी शिकायत...फिर भी कहीं से नहीं मिली थी मदद

PATNA:  डीजी शोभा ओहोतकर पर गाली देने का आरोप लगा है. आईजी विकास वैभव के इस खुलासे से प्रशासनिक व राजनीतिक महकमे में खलबली मच गई है. प्रताड़ना के शिकार विकास वैभव को जब कहीं से मदद नहीं मिली तो ट्वीट कर अपना दर्द साझा किया. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तल्ख हो गए हैं. गालीबाज अफसरों पर कार्रवाई की बजाय साफ कहा कि जिसने ट्वीट किया वह गलत किया है. फिर भी हमने जांच करने को कहा है. अब जो खबर आ रही है वो चौंकाने वाली है. आईपीएस अफसर विकास वैभव ने अपने ऊपर हो रहे जुल्म की शिकायत वरीय अधिकारियों से की थी. लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली.

सरकार से बड़े अधिकारियों को बताई थी समस्या 

 पुलिस महकमे के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आईपीएस विकास वैभव ने अपने ऊपर के अधिकारी डीजी होमगार्ड द्वारा प्रताड़ित किए जाने की शिकायत मुख्य सचिव से लेकर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव से भी की थी. बताया जाता है कि होमगार्ड व फायर सर्विस में पदस्थापित कई आईपीएस अधिकारियों ने एक साथ जाकर वरीय अधिकारियों से कहा था कि डीजी द्वारा गाली गलौज किया जा रहा है. वे सभी मानसिक रूप से परेशान हैं. ऐसे में कुछ किया जाय. इन अधिकारियों ने मौखिक रूप से अपना दर्द सुनाया था. लेकिन सरकार से बड़े अधिकारियों ने इन आईपीएस अधिकारियों की समस्या पर कुछ खास ध्यान नहीं दिया. लिहाजा बात और बिगड़ते गई और मामला यहां तक पहुंच गया. बताया जाता है कि डीजी की प्रताड़ना से तंग इन अधिकारियों ने अपने स्तर से समस्या समाधान को लेकर हर वो दरवाजा खटखटाया. लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली. 

...तो वरीय अधिकारियों ने सीएम तक नहीं पहुंचाई थी बात ? 

इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास वैभव को सोशल मीडिया पर आकर अपनी परेशानी नहीं रखनी चाहिए थी. उन्हें नियम अनुरूप अपनी समस्या को विभाग या फिर वरिष्ठ अधिकरियों को बताना था. विकास वैभव का इस तरह ट्विट करना मामले को सार्वजनिक पटल पर रखना नियम विरुद्ध है. बावजूद इसके उन्होंने राज्य के पुलिस महकमे के वरिष्ठ अधिकारियों को मामले को देखने कहा है. उन्होंने कहा कि अभी मेरे लिए कुछ भी बोलना उचित नहीं है. अगर कोई कुछ बोलता है तो उसकी पूरी जांच करा लें, देख लें कि क्या मामला है. कोई भी व्यक्ति जो नौकरी करता है, अधिकारी है तो उसका काम ट्वीट करना नहीं है. यह सबसे गंदी चीज है. उसको और कोई समस्या है तो अपने विभाग और सीनियर को आकर कहना चाहिए. निजी तौर पर बताना चाहिए. न कि इस तरह किसी भी चीज को सार्वजनिक रूप से करना चाहिए. यह कानून है कि आपको कोई समस्या है तो सही जगह पर जाकर अपनी समस्या बताएं. तुरंत उसे देखा जाता है. लेकिन आप ट्विट कर रहे हैं. कोई कुछ लिख रहा है. इससे बेवजह की चर्चा होती है. जो बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद हमने कहा है कि कोई भी बात है तो उसे देख लें और देखने के बाद हमें बताएं. 

दरअसल, आईपीएस विकास वैभव ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि उन्हें अपने विभाग के वरीय अधिकारियों की बदजुबानी झेलनी पडती है. उन्हें गाली तक दी गई है. आपको बता दें कि बीते दिन आईपीएस विकास वैभव के किए गए ट्वीट का स्क्रीनशाट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि मुझे आईजी होमगार्डस एंड फायर सर्विसेज का दायित्व दिनांक 18.10.2022 को दिया गया था और तब से ही सभी नव दायित्वों के निर्वहन हेतु हर संभव प्रयास कर रहा हूं। प्रतिदिन तब से ही अनावश्यक ही डीजी मैडम के मुख से गालियॉं सुन रहा हूॅं (रिकार्डेड टू)! परंतु आज यात्री मन वास्तव में द्रवित है।

अब आईपीएस विकास वैभव पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। बिहार होमगार्ड विभाग की डीजी शोभा अहोतकर की तरफ से शुक्रवार को आईजी को शो कॉज नोटिस जारी किया गया है। चर्चा यह भी हो रही है कि नोटिस मिलने के बाद विकास अपना पद छोड़ने का फैसला ले सकते हैं। पूर्व में सोशल मीडिया पर किया गया उनका पोस्ट इसी तरफ इशारा कर रहा है। 


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