PATNA: बिहार में अधिकारियों पर खास दल या नेताओं के पक्ष में काम करने के आरोप लगते रहे हैं. विपक्ष में जो भी पार्टियां रहती है वो अपने हिसाब से अधिकारियों पर सत्ता पक्ष के लिए काम करने का आरोप लगाते रहती हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी राजद खुल्लम-खुल्ला अधिकारियों और चुनाव आयोग पर पक्षपात करने और जबरन महागठबंधन कैंडिडेट को हराने का आरोप लगा चुकी है। हालांकि इन तमाम आरोपों को आयोग ने खारिज कर दिया है। इन सब के बीच बिहार के एक पूर्व डीजीपी ने अफसरों को सलाह दी है कि सरकारी पदाधिकारियों को न केवल निष्पक्ष रहना चाहिए बल्कि दिखना भी चाहिए।
कहां गये वो दिन-अभयानंद
तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी और बिहार के डीजीपी रहे अभयानंद जिन्हें पुलिस में सुधार और वैज्ञानिक पद्धति से जांच पद्धति लागू करने के लिए जाना जाता है उन्होंने अफसरों को सलाह दी है कि अफसर निष्पक्ष रहें यह दिखना चाहिए। उन्होंने एक उदाहरण भी दिया है....। पूर्व डीजीपी अभयानंद ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि पुलिस महानिदेशक था। कुछ ही महीनों के बाद लोक सभा के आम चुनाव होने वाले थे। हालांकि चुनाव आयोग के द्वारा चुनाव की घोषणा नहीं की गई थी।
मंत्री ने डीजीपी को भोज पर बुलाया,CM भी शामिल होने वाले थे
वाकया 2014 के शुरूआत की है...मुख्यमंत्री का सरकारी दौरा हो रहा था। दौरे पर सभी वरीय पदाधिकारी, मंत्रीगण शामिल होते थे। मैं भी शामिल था। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सब कुछ चल रहा था। जिस ज़िले में यह कार्यक्रम आयोजित था, उस ज़िले के एक राजनीतिज्ञ, जो मंत्रिमंडल के सदस्य थे, उन्होंने अगले दिन अपने गाँव में भोजन पर न्योता दिया। बताया कि मुख्यमंत्री के साथ सभी मंत्रीगण आएंगे। मैंने हामी भर दी, पर शामिल नहीं हुआ।
भोज में शामिल नहीं होने पर डीजीपी पर नाराज हो गए मंत्री जी
पूर्व डीजीपी ने लिखा है कि भोज के लिए हामी भऱने के बाद भी जब हम शामिल नहीं हुए इसके पश्चात् मंत्री जी नाराज़ स्वर में, नहीं आने का कारण मुझसे पूछा। मैंने उनको बताया कि कुछ महीनों के बाद आम चुनाव होंगे। राज्य का पुलिस महानिदेशक अगर एक पार्टी विशेष के मंत्री के आवास पर पार्टी के लोगों के साथ सामूहिक भोजन करते दिखेगा, तो चाहे वह कितना भी निष्पक्ष क्यों न हो, आम लोगों की नज़र में वह ऐसा नहीं रह जाएगा।
निष्पक्ष दिखना भी चाहिए-अभयानंद
पूर्व आईपीएस अधिकारी अभयानंद ने आज के अफसरों को सलाह दी है कि सरकारी पदाधिकारियों को न केवल निष्पक्ष रहना चाहिए बल्कि दिखना भी चाहिए।ताकि निष्पक्षता पर कोई अंगुली नहीं उठा सके।