पटना : जिस ग्रहण को वैज्ञानिक मात्र एक खगौलीय घटना मानते हैं, उसे लेकर भारत में सदियों से धार्मिक मान्यताएं चली आ रही हैं. इन मान्यताओं के तहत बड़ी संख्या में लोग ग्रहण के वक्त साधना में लीन रहते हैं और अन्न-जल ग्रहण नहीं करते.
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय भी ग्रहण के दौरान अक्सर किसी ने किसी धार्मिक स्थान पर साधना करते रहे हैं. इस बार वह राज्य से बाहर गए थे. रविवार को लगे सूर्यग्रहण से एक दिन पहले ही वह एक प्रसिद्ध द्वादश ज्योर्तिलिंग पर साधना करने चले गए थे.
धार्मिक मान्यताओं के तहत बहुत लोग ग्रहण के सूतक काल के प्रारंभ होने के साथ साधाना में लीन हो जाते हैं. डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय सूर्यग्रहण लगने से एक दिन पहले शनिवार को ही देश के नामी धार्मिक स्थल पर पहुंच गए थे. बताया जाता है कि सूतक काल शुरू होने के साथ वह साधाना में लीन हो गए.
सूर्यग्रहण के बाद उन्होंने विधित वहां पूजापाठ की. इसके बाद वहां से बिहार के लिए प्रस्थान कर गए. इससे पहले कई दफे वह ग्रहण के दौरान सोनपुर के बाबा हरहिर नाथ मंदिर के पास साधना करते रहे हैं. बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अक्सर धार्मिक कार्यकमों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं.