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DGP साहब....55 किलो सोना की बात छोड़िए '1 ग्राम' सोना भी बरामद नहीं कर सकी है आपकी पुलिस,अपराध रोकना वश में नहीं लेकिन बरामदगी करना तो पुलिस का काम हीं है न...

DGP साहब....55 किलो सोना की बात छोड़िए '1 ग्राम' सोना भी बरामद नहीं कर सकी है आपकी पुलिस,अपराध रोकना वश में नहीं लेकिन बरामदगी करना तो पुलिस का काम हीं है न...

PATNA:  साहेब.... आपकी तेजतर्रार पुलिस 8 दिन बाद भी लूट का एक ग्राम सोना भी बरामद नहीं कर सकी। आपने तो अबतक की सबसे बड़ी सोना लूट के लिए सबसे बड़ी एसआईटी का गठन भी किया। एसआईटी बने हुए 8 दिन बीत गए।लेकिन 55 किलो सोना की बात तो छोड़िए एक ग्राम सोना भी बरामद नहीं कर सकी है।पुलिस दावे तो कर रही है कि हमने 2 आरोपियों को गिरप्तार कर लिया है।लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह कि आखिर लूट का 55 किलो सोना गया तो कहां गया? क्या जमीन खा गई या आसमान निगल   गया?

साहेब....आप कहते हैं कि अपराध नहीं रूक सकता।चलिए मान लिया कि अपराध रोकना आपके बस की बात नहीं...।लेकिन अपराध के बाद कार्रवाई करना तो पुलिस के वश में हीं है न..।आप कार्रवाई कर भी रहे हैं।आपने 5 एसपी और 4 डीएसपी को इस काम में लगाया है।आईजी को इस एसआईटी का प्रमुख बनाया गया है।25 नवंबर से 3 दिसंबर तक आपकी एसआईटी कुछ भी बरामद करने में नाकामयाब रही है। ऐसे में सवाल तो उठेंगे हीं...घटना के 10 दिन बीतने के बाद भी सोना बरामदगी मामले में पुलिस के हाथ खाली हैं।

5 एसपी और 4 डीएसपी की बनी है टीम

बता दें कि हाजीपुर में सबसे बड़े सोना लूटकांड के उद्भेदन के लिए बिहार पुलिस मुख्यालय ने सबसे बड़े एसआईटी का गठन किया था. उक्त एसआईटी में 5 एसपी और 4 डीएसपी शामिल हैं। आईजी मुख्यालय ने तिरहुत रेंज के आईजी गणेश कुमार के नेतृत्व में इस एसआईटी का गठन किया है.इस टीम में एसटीएफ के एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो, मुजफ्फरपुर से एसएसपी जयंतकान्त, वैशाली के प्रभारी एसपी मृत्युंजय कुमार चौधरी, सीआईडी के पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार, एसटीएफ के डीएसपी दिलीप कुमार, सदर डीएसपी हाजीपुर राघव दयाल, महुआ डीएसपी नुरुल हक़ और महनार डीएसपी रजनीश कुमार शामिल हैं।

55 किलो सोने की हुई थी लूट
 
 
बीते 23 नवंबर को हाजीपुर यादव चौक के निकट स्थित मुथूट फाइनेंस से 55 किलो सोने की लूट हुई थी। इस घटना को उस वक्त 7 अपराधियों ने मिलकर अंजाम दिया था। बताते चले कि दिन के उजाले में देश की यह सबसे बड़ी ज्वैलरी लूट की घटना थी। इस कांड के बाद पटना मुख्यालय से तिरहुत आइजी के नेतृत्व में राज्य की सबसे बड़ी एसआइटी का गठन किया गया था।
 
 हजार लोगों के थे गहने
 
 
फाइनेंस कंपनी में अपराधियों ने सोने के जेवर लूटे वहां जिले के 3 हजार लोगों के सोने के गहने गिरवी रखे गए थे। हालांकि इस कंपनी के नियम के अनुसार उन सभी लोगों को उनके गहनों की पूरी कीमत दी जाएगी।
 
 13 लोग लूट में शामिल
 
 
बताया जाता है कि इस लूट कांड में कुल 13 लोग शामिल हैं। जिसमें वैशाली जिले से कुल 6 अपराधी शामिल है। बाकी अपराधी दुसरे जिले व दुसरे राज्य के भी है। सभी अपराधियों की पहचान के दावे किए जा रहे हैं। इसमें कुछ अपराधी पुराने सोना लूट कांड में भी शामिल थे। इन्हें पकड़ने के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। उन्होंने दावा किया है कि बहुत जल्द ही अपराधी व लूटा गया सोना बरामद कर लिया जाएगा। जिन अपराधियों की पहचान हुई है उन अपराधियों का रिकार्ड कई लूट कांड में पाया गया है। पुलिस द्वारा जारी स्केच से ही अपराधियों की पहचान हो पाई है। 

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