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गांधी समर्थकों द्वारा ऐतीहासिक हजारीमल धर्मशाला में धरना प्रदर्शन

गांधी समर्थकों द्वारा ऐतीहासिक हजारीमल धर्मशाला में धरना प्रदर्शन

प॰चंपारण: के ऐतिहासिक हजारीमल धर्मशाला में गांधी समर्थकों ने एक दिवसीय धरना दिया. गांधी समर्थकों ने बताया कि देश की आजादी के लिए चंपारण की धरती से आजादी का बिगुल बजाने के लिए इसी ऐतिहासिक धर्मशाला में करीब एक सप्ताह तक यहां निवास किए थे गांधी और आजादी के दिवानों को आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए और निलहों के अत्याचार से छुटकारा दिलाने के लिए बिगुल बजाया था. गांधी समर्थक ने बताया कि एक सप्ताह तक यहां निवास कर महात्मा गांधी ने सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत चंपारण से किया था। 

पहली बार उन्होंने बेतिया के हजारीमल धर्मशाला में अपनी पहली रात बिताई थी। अपने सत्याग्रह लड़ाई की शुरुआत इसी हजारीमल धर्मशाला के महात्मा गांधी ने किया था जो आज खंडहर के रूप में तब्दील हो गया है केंद्र सरकार हो या बिहार सरकार या यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि या समाजसेवी किसी की नजर इस हजारीमल धर्मशाला की दुर्दशा पर नहीं गई है. आज तक यहां जो भी आते हैं, देखते हैं, लेकिन उस पर विचार नहीं करते। वह अपने भाग्य पर आंसू बहा रहा है खरपतवार और पेड़ पौधे इस पर आ गए हैं.

इसी को लेकर आज समाज सेवी होने उनके जन्मदिन पर धरना प्रदर्शन का काम किया धरना के माध्यम से लोगों ने मांग किया कि इसका जीर्णोद्धार होना चाहिए महात्मा गांधी की इस धरोहर पर आज तक किसी की नजर नहीं गई बहुत से अधिकारी और नेता आते हैं हजारीमल धर्मशाला में अपना फूल माला अर्पित कर चले जाते हैं लेकिन ना तो धर्मशाला का जीर्णोधार ही हुआ नहीं वहां उनकी मूर्ति स्थापित की गई धर्मशाला के द्वार पर गांधी की मूर्ति लगाने की मांग धरने के माध्यम से की गई है यह वही धर्मशाला है जहां महात्मा गांधी पहली बार चंपारण में आए तो ठहरे और अपने आंदोलन की शुरुआत की सत्याग्रह शताब्दी में भी सरकार के द्वारा कई कार्यक्रम कर वाह वाही लूटने की प्रयास की गई लेकिन इस धरोहर पर कुछ नहीं किया गया आज तक वीरान पड़ा हुआ है और अपने भाग्य पर आंसू बहा रहा है यह चंपारण का हजारीमल धर्मशाला जहां पहली रात महात्मा गांधी विचार थे तथा इतने बड़े आंदोलन की शुरुआत की थी

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