PATNA: ब्रिटिश नागरिक पिछले 10 महीनों से थाने में जब्त अपने लैपटॉप की वापसी के लिए चक्कर काट रहा था।लेकिन बिहार की पुलिस का काम का तरीका हीं कुछ और है।लिहाजा इतने दिन बाद भी उसे लॉपटॉप नहीं मिल पा रहा था।जिस सामान के लिए वह 10 महीनों से भटक रहा था वह काम महज 8 घंटे में हो गया।
बता दें कि ब्रिटिश नागरिक इवान पैरलिसेक दो साल पहले सितंबर में मुंगेर विश्वविद्यालय घूमने आए थे। रेल यात्रा के दौरान उनका लैपटॉप चोरी हो गया था।चौरी गया लैपटॉप 2 जनवरी 2019 को भागलपुर के एनटीपीसी थाना इलाके से बरामद किया गया।
कानूनी पेंच के कारण ब्रिटिश नागरिक को लैपटॉप नहीं मिल पा रहा था।अपने बरामद लैपटॉप को लेकर वे भटकते रहे। मंगलवार को वे शिकायतलेकर डीआइजी विकास वैभव के पास गए। डीआइजी की पहल पर ब्रिटिश नागरिक को आठघंटे के भीतर हीं जिम्मेनामे पर थाने से लैपटॉप दे दिया गया। डीआईजी के इस एक्शन से खुश होकर ब्रिटिश नागरिक ने विकास वैभव को फोन कर धन्यवाद दिया।साथ हीं उन्होंने डीआईजी विकास वैभव से कहा कि वे इस 10 माह के पूरे वाक्ये पर एक किताब लिखेंगे।
डीआइजी को जैसे हीं इस बात की जानकारी लगी इसके बाद तत्काल कहलगांव को उन्होंने इवान के मामले को सुलझाने को कहा। इवानएसडीपीओ से मिले और अपनी बात कही। कुछ ही घंटों के भीतरकागजी कार्रवाई पूरी करने को बाद इवान को लैपटॉप दे दिया गया। उनसे एक शपथ पत्र भरवाया गया है, जिसमें कहा गया है कि जब भी न्यायालय को जरूरतहोगी वे लैपटॉप लेकर आएंगे।
इधर न्यायालय के अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी ने रेल एसपीको पत्र लिखा है। उन्होंने इसे देश की प्रतिष्ठा का विषय बताते हुए जल्दसुलझाने का अनुरोध किया है।