SHEOHAR : बिहार में एनडीए सभी 40 लोकसभा सीटों पर अपनी जीत दर्ज करने के इरादे से उतर रही है। जिसको लेकर प्रत्याशियों के चयन में भी सावधानी बरती जा रही है। जहां बताया जा रहा है कि जदयू ने अपने प्रत्याशियों का चयन कर लिया है और आज शाम या मंगलवार को उनकी घोषणा कर सकती है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा के लिए प्रत्याशियों का चयन करना मुश्किलों वाला हो गया है। बिहार में भाजपा कोटे की कुछ सीटें ऐसी है, जहां पार्टी के तीन से चार दावेदार हैं। जिनमें किसी एक को मौका मिलना है। ऐसा ही एक लोकसभा सीट है शिवहर, जहां चुनाव लड़ने के लिए कई दावेदार सामने आए हैं।
शिवहर संसदीय सीट से अभी तक जिन चेहरों के नाम सामने आए हैं। उनमें सांसद रमा देवी के अलावा आशुतोष शंकर, नूतन माला, योगी अखिलेश्वर दास, सुनील पिंटू, श्वेता के नाम सामने आए हैं। लेकिन इनमें टिकट की असली लड़ाई सांसद रमा देवी और योगी अखिलेश्वर दास के बीच बताया जा रहा है।
पार्टी बदल सकता है चेहरा
भाजपा उन पार्टियों में से है, जो इस बार के चुनावों में अपने पुराने सांसदों की जगह नए चेहरों को मौका दे रही है। नई दिल्ली से लेकर राजस्थान, यूपी, मध्य प्रदेश इसके उदाहरण हैं। बिहार में भाजपा पुराने चेहरों की जगह नए लोगों को आजमाने की तैयारी में है। जिसमें यूपी की तरह बिहार में एक योगी को मौका देने की बात कही जा रही है। यह सभी को पता है कि किस तरह सांसद रहते हुए योगी आदित्यनाथ ने अपनी छवि एक ऐसे नेता के रूप में बनाई थी, जो कड़े फैसले लेने से भी परहेज नहीं करता है। आज यूपी के सीएम के तौर पर योगी आदित्यनाथ अपना दूसरा कार्यकाल चला रहे हैं और यूपी की खराब छवि को बदलने में कामयाब रहे हैं।
शिवहर में योगी अखिलेश्वर दास की छवि भी कुछ ऐसी है। शिवहर से चुनावी किस्मत आजमाने के लिए योगी अखिलेश्वर दास महाराज पिछले कई सालों से सक्रिय हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह भगवा धारी योगी अखिलेश्वर दास बिहार में अपनी विशेष पहचान रखते हैं. विशेषकर शिवहर के इलाके में इनकी विशिष्ट पहचान और प्रभाव है जिसका सीधा फायदा लोकसभा चुनाव में होने की उम्मीद है।
योगी अखिलेश्वर दास की पहचान एक कथावाचक और हिंदूवादी की रही है. कुछ समय पूर्व ही शिवहर में विराट हिंदू संत सम्मेलन कराकर योगी अखिलेश्वर दास ने अपनी खास पहचान बनाई. इस सम्मेलन में देश के कई प्रसिद्ध संतों के साथ ही दो शंकराचार्य भी आए. इतना ही नहीं युवाओं के लिए अक्सर क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित कर योगी अखिलेश्वर दास ने युवाओं के बीच लोकप्रियता हासिल की है.
जाति का होगा फायदा
योगी अखिलेश्वर दास तेली जाति से आते हैं। वहीं शिवहर में सर्वाधिक मतदाता भी तेली जाति से हैं. एक अनुमान के अनुसार तेली- कानू जाति के मतदाता करीब 8 लाख हैं। ऐसे में भाजपा उन्हें अपना उम्मीदवार बनाती है तो वैश्य समुदाय में तेली जाति से आने वाले योगी अखिलेश्वर दास को अपनी जाति का फायदा भी मिल सकता है. आठ लाख मतदाता किसी चुनाव का फैसला कर सकते हैं।
योगी की इस सामाजिक पकड़ को भाजपा भुनना चाहती है. इसलिए इस बार के चुनाव में योगी को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. एक तरह से योगी अखिलेश्वर दास के चेहरे का इस्तेमाल बिहार में योगी आदित्यनाथ के तरह करने की भाजपा तैयारी कर सकती है.