नवादा में दिव्यांग जोड़े ने पेश की नजीर.... जाति और दहेज का बंधन तोड़कर दोनों ने रचाई आदर्श शादी

नवादा में दिव्यांग जोड़े ने पेश की नजीर.... जाति और दहेज का बंधन तोड़कर दोनों ने रचाई आदर्श शादी

NAWADA. बिहार के नवादा में दहेज मुक्त विवाह का एक अनुकरणीय काम दिव्यांगों ने किया है. दहेज और जाति प्रथा को तोड़कर एक दूसरे के साथ-साथ अपनी जिंदगी बिताने का कसम खाई है। नवादा सिविल कोर्ट में पहले दोनों कोर्ट मैरिज सर्टिफिकेट बनाए और फिर सिविल कोर्ट के बगल में सत्यम सुंदरम मंदिर में आकर दोनों दिव्यांगों ने शादी रचाई है। 

दरअसल, सिरदला थाना क्षेत्र के रिवियो गांव के रहने वाले परशुराम प्रसाद के पुत्र 33 वर्षीय राकेश कुमार ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव के रहने वाले तुलसी प्रसाद के पुत्री संगीता कुमारी ने विवाह किया है। विवाह करने के बाद दोनों पति-पत्नी ने कहा कि हम लोग कोई जाति प्रथा को नहीं मानते हैं। जाति प्रथा भी खत्म होना चाहिए और दहेज प्रथा जो समाज की एक कुरीति है इसे भी हम लोगों ने खत्म किया है। उन्होंने कहा कि हमने बिना दहेज विवाह किया है। 

ऐसे हुई दोनों में दोस्ती : उन्होंने कहा कि हमलोगों की मुलाकात अंजना विकास दिव्यांग संस्था में मीटिंग के दौरान हुई. 15 अगस्त को अंजना विकास संस्था के सचिन सहदेव पासवान से राकेश कुमार ने शादी की चर्चा की तो सहदेव ने बताया कि अपने संगठन में एक लड़की है उससे विवाह करवा सकते हैं। दोनों ने दहेज मुक्त विवाह और जाति प्रथा को तोड़कर सत्यम शिवम मंदिर में विवाह रचाया है। दोनों के विवाह समारोह में दिव्यांग संस्था के कई लोग उपस्थित हुए हैं। 

आपको बता दें कि तुलसी प्रसाद की चार पुत्री है और सबसे बड़ी पुत्री दिव्यांग है। संगीता कुमारी ने विवाह रचाया है। परिवार के लोगों ने भी आशीर्वाद दिया है। वहीं राकेश कुमार तीन भाई है और दो नंबर पर राकेश कुमार आते हैं। सभी भाई व परिवार के मर्जी से विवाह रचाई गई है. 

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