PATNA : जिलाधिकारी कुमार रवि ने श्रद्धा, भक्ति एवं आस्था का महापर्व छठ व्रत के सफल एवं सुचारु आयोजन हेतु हिंदी भवन सभागार में प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में जिलाधिकारी ने कोविड संक्रमण एवं धार्मिक आस्था के बीच संतुलन स्थापित करने तथा कोविड के वर्तमान दौर में छठ व्रतियों से यथासंभव अपने अपने घरों में ही पूजा का आयोजन करने की अपील की है, ताकि कोरोना संक्रमण के आसन्न खतरा से बचा जा सके. संक्रमण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी ने आम नागरिकों से घाटों पर भीड़ भाड़ ना लगाने तथा लोगों को एहतियात के तौर पर सजग, सतर्क एवं सावधान रहने की आवश्यकता पर बल दिया है. विदित हो कि 20 नवंबर को संध्या में अस्ताचलगामी सूर्य को तथा 21 नवंबर को सुबह में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिए जाएंगे.
श्रद्धालु भक्तों के बीच गंगाजल का होगा वितरण
जिलाधिकारी ने छठ व्रतियों एवं श्रद्धालु भक्तों की सुविधा का ध्यान रखते हुए उनके बीच टैंकर के माध्यम से गंगाजल का वितरण कराने का निर्देश पटना नगर निगम को दिया गया है. इसके लिए जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त को समुचित प्लान बनाने तथा वितरण की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है.
घाटों पर वाहनों की आवाजाही पर लगी रोक
घाटों पर भीड़ भाड़ को कम करने तथा संक्रमण के खतरा को दूर करने हेतु घाटों पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाया गया है. इसके लिए घाट पर कोई पार्किंग की व्यवस्था नहीं की जाएगी. अशोक राजपथ एवं घाट के संपर्क पथों को बंद रखा जाएगा. पुलिस अधीक्षक यातायात को ट्रैफिक प्लान बनाने का निर्देश दिया गया है. जिलाधिकारी ने जिला परिवहन पदाधिकारी को विभिन्न संघों के साथ बैठक करने तथा घाटों पर वाहनों की आवाजाही पर रोक संबंधी जानकारी देने तथा सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है.
खतरनाक घाटों को बंद करने का दिया निर्देश
खतरनाक घाटों पर दुर्घटना/ खतरा की आशंका को देखते हुए जिलाधिकारी ने खतरनाक घाटों को बंद रखने का सख्त निर्देश दिया है. इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराने हेतु संबंधित सेक्टर पदाधिकारी को घाट को बंद रखने संबंधी फुलप्रूफ व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. उल्लेखनीय है कि बांस घाट, मिश्री घाट, जजेज घाट, अदालत घाट, टीएनबी बनर्जी घाट को बंद रखा जाएगा. इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने सभी सेक्टर पदाधिकारी को घाटों का निरीक्षण करने तथा खतरनाक घाटों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है ताकि उन घाटों को बंद किया जा सके.
गंगा नदी सहित अन्य नदियों एवं तालाबों में निजी नावों के परिचालन पर रोक लगाई गई है ताकि किसी प्रकार की आकस्मिक दुर्घटना न हो. दूसरी ओर सुरक्षात्मक एहतियाती उपायों के तहत पर्याप्त संख्या में सरकारी नाव प्रशिक्षित गोताखोर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. जिलाधिकारी ने घाटों पर एहतियात के तौर पर आवश्यक सुरक्षात्मक उपायों की सुंदृढ़ व्यवस्था रखने का निर्देश दिया है ताकि आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सके. इसके तहत बैरिकेडिंग की व्यवस्था, पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी की तैनाती, लाइट, शौचालय ,पेयजल आदि की भी व्यवस्था रखने का निर्देश दिया गया है. उधर कोविड संक्रमण के वर्तमान दौर में छठ पूजा के आयोजन हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक परामर्श दिए गए हैं जिसका पालन करने का जिलाधिकारी ने अपील की है. उन्होंने कहा की सभी व्रती यथासंभव अपने घर पर ही छठ पूजा का आयोजन करें. छठ पर्व के दौरान बुखार से ग्रस्त व्यक्ति, 60 साल से ऊपर के व्यक्ति, 10 साल से कम उम्र के बच्चे एवं अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को छठ घाटों पर नहीं जाने की सलाह स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई है. साथ ही छठ व्रत के दौरान प्रत्येक व्यक्ति को मास्क का प्रयोग करने तथा 2 गज की दूरी का अनिवार्य रूप से पालन करने की सलाह दी गई है. इसके अतिरिक्त तालाब में अर्घ देने के दौरान डुबकी नहीं लगाने की सलाह दी गई है. जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को पूजा समिति के सदस्यों के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने तथा आम लोगों को भी मीडिया के माध्यम से अवगत कराने का निर्देश दिया गया.
छठ पूजा के मौके पर कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए दुल्हिन बाजार अंतर्गत उलार मेला का आयोजन इस वर्ष नहीं किया जाएगा. अनुमंडल पदाधिकारी पालीगंज ने इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दुल्हिन बाजार के प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष को दिया है. बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक उपेंद्र कुमार शर्मा, नगर आयुक्त पटना नगर निगम हिमांशु शर्मा, उप विकास आयुक्त रिची पांडेय, पुलिस अधीक्षक यातायात डी अमरकेश, नगर पुलिस अधीक्षक मध्य विनय तिवारी, सभी अपर समाहर्ता, सभी अनुमंडल पदाधिकारी सहित कई जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे.
पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट