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कोरोना को लेकर डीएम ने निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ की बैठक, दिए कई निर्देश

कोरोना को लेकर डीएम ने निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ की बैठक, दिए कई निर्देश

PATNA : जिलाधिकारी कुमार रवि ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ हिंदी भवन सभागार में बैठक की तथा आवश्यक निर्देश दिया. बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा की कोविड-19 विश्वव्यापी महामारी को ध्यान में रखकर सभी अस्पताल खुला रखे हैं तथा इसकी जानकारी सिविल सर्जन कार्यालय को दें. 

उन्होंने कहा की कोविड-19 से संबंधित मरीजों के लिए तीन तरह की व्यवस्था सरकार के द्वारा की गई है. पहला होम आइसोलेशन एवं उसकी निगरानी, दूसरा माइल्ड सिंप्टोमेटिक मरीजों के लिए कोविड केयर सेंटर जिला एवं अनुमंडल स्तर पर एवं कोविड केयर हॉस्पिटल जिला स्तर पर बनाया गया है. तीसरा डेडीकेटेड कोविड-19 एनएमसीएच, पीएमसीएच एवं एम्स में बनाया गया है. जिलाधिकारी ने निजी अस्पताल को आगे आने तथा कोविड-19 मरीजों हेतु फ्लू कॉर्नर बनाकर चिकित्सा प्रारंभ करने को कहा. संदिग्ध मरीजों जैसे बुखार, सर्दी सांस लेने में तकलीफ आदि की जांच फ्लू कॉर्नर में करना एवं संक्रमित मरीजों की पूरी रिकार्ड भी रखना अनिवार्य होगा. सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री इलनेस की स्क्रीनिंग एवं निगरानी निजी अस्पतालों में भी की जानी है. इसकी जानकारी सिविल सर्जन कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा. 

कोरोना मरीजों हेतु निजी अस्पतालों में कुल बेड के 20 से 25% आरक्षित आइसोलेशन वार्ड के रूप में रखने तथा किसी भी मरीज को इलाज से मना नहीं करने को कहा. उन्होंने कहा कि जो अस्पताल उपयुक्त होगा उसे इंडियन कीट भी उपलब्ध कराई जा सकती है एवं उसके उपरांत पॉजिटिव मरीज को आइसोलेशन वार्ड एवं नेगेटिव पेशेंट को जनरल वार्ड में रखा जा सकता है. निजी अस्पताल को कोविड-19 के तहत  सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन देने तथा कोविड-19 से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन करने तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. 

उन्होंने कहा की कोविड-19 के मरीजों के इलाज हेतु इच्छुक निजी अस्पताल सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन दें और सेवा भाव से मरीजों का इलाज करें. निजी अस्पताल में जो मरीज अपने खर्च पर इलाज के लिए तैयार होगा. उसी मरीज को निजी अस्पतालों को दिया जाएगा. बशर्ते कि अस्पताल मानक हो. संक्रमित व्यक्ति को जांच के लिए अनुमंडल स्तर, जिला स्तर पर एवं एनएमसीएच, पीएमसीएच आईजीआईएमएस एम्स में व्यवस्था की गई है. कोरोना जांच हेतु निजी क्षेत्र के पैथोलॉजी लैब को मान्यता दी गई है. इसी क्रम में पारस अस्पताल को रैपिड एंटीजन कीट के माध्यम से कोविड-19 की जांच की अनुमति दी गई है. 

जिलाधिकारी ने आयुष्मान भारत से जुड़े अस्पताल एवं अन्य बड़े निजी अस्पताल को इस महामारी में मरीजों की सेवा करने के लिए आगे आने के लिए कहा और बताया कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गोल्डन कार्ड धारी स्वयं एवं अपने परिवार का इलाज आयुष्मान भारत के सूचीबद्ध अस्पताल में करवा रहे हैं. वैसे लाभार्थी कोविड-19 के इलाज ही संबंधित अस्पताल में करवाएंगे. 

पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट

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