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शराब का धंधा छोड़ने के लिए ग्रामीणों से निवेदन करते दिखे DM, कहा - पुलिस मुख्यालय की हिट लिस्ट में है यह गांव

शराब का धंधा छोड़ने के लिए ग्रामीणों से निवेदन करते दिखे DM, कहा - पुलिस मुख्यालय की हिट लिस्ट में है यह गांव

SUPAUL : बिहार में शराबबंदी कानून लागू रहने के बाद भी देसी-महुआ शराब बनाने और बेचने के कारोबार से गहरे रूप से जुड़े जिले के त्रिवेणीगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बरहकुरवा पंचायत के सतगंडी टोला के लोगों को इस कारोबार को छोड़ने का निवेदन करने रविवार को जिला प्रशासन कौशल कुमार खुद गांव पहुंचे। साथ में एसडीओ एसजेड हसन व डीएसपी गणपति ठाकुर भी मौजूद थे।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई।सतगंडी टोला में मध निषेध अभियान ,बाल विवाह व दहेज दहेज प्रथा जैसी कुप्रथाओं को लेकर। अयोजित ग्रामीणों की सभा में डीएम कौशल कुमार ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि शराब कारोबार में किसी न किसी रूप से इस गांव का नाम जुड़ा है। आप लोग इससे तुरंत तौबा कर दूसरे किसी रोजगार से जुड़ जाईए पूरा प्रशासन आपके साथ रहेगा। देसी महुआ शराब बनाने के कारोबार से गहरे रूप से जुड़े जिले के त्रिवेणीगंज थाना अंतर्गत बरहकुरवा पंचायत के सतगंडी गांव के लोगों को इस अवैध धंधा से मुक्त कराने के लिए जिला प्रशासन के आलाधिकारियों द्वारा पहली बार ऐसी अनूठी पहल का सभी लोगों ने स्वागत किया है। 

इस दौरान डीएम ने मौजूद लोगों को शपथ दिलाने से पहले संबोधित करते हुए हाथ उठवा कर कसम खिलाई कि अब शराब कारोबार से किसी भी रूप में सतगंडी गांव का नाम नहीं आना चाहिए। लोगों ने हाथ भी उठाया। डीएम कौशल कुमार ने कहा कि-आप लोग अपने आप को जेल जाने से बचें। आपसे निवेदन करने आए हैं। पूरे राज्य में यहां से यह संदेश जाए कि सतगंडी गांव ने पूरी तरह से इस अवैध धंधा से मुक्ति पा ली है।


आपका और आपके बच्चों का सुरक्षित जीवन ज्यादा जरूरी

डीएम ने कहा कि- आप कोई भी दूसरा रोजगार कीजिए हमारी टीम खड़ी रहेगी। उन्होंने निवेदन के दौरान यह भी कहा कि जब मुख्यमंत्री ने लोगों की जिंदगी को देखते हुए राजस्व की परवाह किए बगैर इतना बड़ा कदम उठाते राज्य में शराबबंदी कानून लाया तब आप लोगों को सोचना चाहिए कि आपके लिए आपका और बच्चों का जीवन अधिक महत्वपूर्ण है। 

इस दौरान डीएम ने मध निषेध अभियान पर वित्तीय समावेशन एवं सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत जीविका जुड़े 6 संगठन की महिलाओं को इस मौके पर पांच पांच  लाख का ॠण सोफे गए। उसके बाद मनरेगा से जुड़ी कार्य करने के लिए 15 लोगों को लेबर कार्ड वितरण किया।

डीएम ने कहा कि आने वाले दिनों में अपने बच्चों के भविष्य की चिंता कीजिये, क्या आप चाहते हैं कि जो बच्चा स्कूल में पढ़ रहे हो और उसके माता पिता शराब के कारोबार में जेल जाए तो उस बच्चे के भविष्य का क्या होगा। शराब से संबंधित गैरकानूनी काम को छोड़िए और मुख्य धारा से जुड़िए। 

पुलिस की हिट लिस्ट में यह गांव

सुपौल जिले का यह गांव बिहार पुलिस मुख्यालय की हिट लिस्ट में शामिल है, पूरे बिहार में आठ हजार गांव है. लेकिन लिस्ट में इस गांव का नाम शामिल होना किसी विशेष चीज को इंगित करता है. महादलित बस्ती के इस छोटे गांव से 16 लोगों के विरुद्ध अवैध शराब निर्माण को लेकर प्राथमिक दर्ज है।  लोगों की जो भी समस्याएं है वो सब को हमलोगों पूरी दम से पहल करेंगे। आप लोगों की सेवा में हमारी पूरी टीम मुस्तेद रहेंगी। इस दौरान डीएम ने शराब उन्मूलन बाल विवाह व दहेज प्रथा जैसी कुप्रथाओ से लोगों से दूर रहने की बात कही।

शराब के कानून को न तोड़ें

मौके पर मौजूद एसडीओ एसजेड हसन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आमजनों से शराबबंदी कानून का शत-प्रतिशत पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि शराब से संबंधित कोई ऐसा कार्य ना करे जिससे आपपर कानूनी कार्रवाई हो। सरकार विकास के साथ स्वास्थ्य सेवा, रोजगार, बच्चों को बेहतर शिक्षा व जीविकोपार्जन हेतु जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दे रही है। 

शिक्षा से बेहतर समाज की स्थापना

उन्होंने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा तरीका है। जिससे परिवार व समाज की तस्वीर बदल सकती है। शराब को छोड़कर अन्य रोजगार से जुड़कर बच्चों को अच्छी शिक्षा देने पर बल देने कहा इस क्षेत्र से अब तक 16 शराब से जुड़े मामले सामने आने से प्रशासन की निगाहें इस क्षेत्र पर बनीं हुई है। शराब सेहत खराब करने के साथ महिलाओं पर अत्याचार को बढ़ावा देता है और ऐसे में समाज का माहौल खराब होता है। उन्होंने कहा कि शराब सेवन से कोई फायदा नहीं बल्कि नुकसान ही है। इसलिए शराब के सेवन व व्यवसाय को छोड़ अच्छे व्यवसाय से जुड़े। ताकि शराबबंदी कानून के उल्लंघन में जेल जाने से परिवार की बर्बादी बचने के साथ ही समाज में इज्जत व सम्मान बना रहे। 

छोटी बच्चियों की जबरन शादी रोकने में मांगी मदद

उन्होंने कहा जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें फांसी तक की सजा का प्रावधान है। कार्यक्रम में उन्होंने बाल विवाह व दहेज प्रथा की भी सख्ती से पालन करने की बात कही उन्होंने कहा बाहर से लोग आकर 18 साल से कम उम्र की बच्चियों को जबरन शादी कराया जाता है। कुछ ऐसे भी दलाल आते हैं। जो लड़की के मां-बाप को कुछ पैसे देकर शादी कर लड़की को लेकर चले जाते हैं जब तक मे प्रशासन को जानकारी मिलती है। तब तक पता चलता है कि लड़की शादी कर चले गए। 

उन्होंने लोगों से दहेज लेने व देने को लेकर का कहा कि ऐसी विवाह के आयोजन का सामाजिक तिरस्कार करें जिससे समाज में फैली रूढ़िवादी विचारों को फैलने से रोका जा सके। डीएसपी गणपति ठाकुर ने भी लोगों से अवैध शराब निर्माण में लगे लोगों की जानकारी पुलिस को देने की बात कही। उन्होंने बिहार में मद्य निषेध कानून लागू होने से पहले की परिस्थितियों का भी जिक्र किया कि किस प्रकार लोग शराब जैसी सामाजिक बुराई से बुरी तरह प्रभावित थे। मद्य निषेध कानून लागू होने से कानून व्यवस्था कायम करने में काफी सुविधा हो रही है। लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा भी हो रही है। 

मद्य पान से होने वाली बीमारियों के इलाज पर होने वाले खर्च भी बच रहे हैं। इससे समाज की महिलाओं के लिए बेहतर स्थिति बनी है। कहा कि प्रशासनिक स्तर से कार्रवाई जारी है। लोगों को सजा भी मिल रही है। लेकिन, यदि हमें मद्य निषेध के लक्ष्य को पूर्ण रूप से हासिल करना है, तो लोगों को स्वयं इससे होने वाले दुष्परिणामों को समझना होगा और जीवन में शुचिता और आंतरिक सतर्कता अपनाकर मद्य निषेध कानून को सफल बनाने में अपना सहयोग प्रदान करना होगा।

न पिएंगे व न पीने देंगे की लोगों को अधिकारियों ने दिलाई शपथ

समाज सुधार अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में मौजूद लोगों को शराब सेवन नहीं करना बाल विवाह हुआ दहेज प्रथा को लेकर जिला अधिकारी ने शपथ दिलाई गई ।

मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी आशा कुमारी, जीविका जिला परियोजना प्रबंधक सुपौल, मनरेगा पीओ विजय कुमार नीलम, थाना प्रभारी संदीप कुमार सिंह,बीपीआरो रूपेश कुमार, सीओ दिनेश प्रसाद, सुधीर कुमार प्रखंड समन्वयक जीविका के अलावे दर्जनों भर जीविका से जुड़ी दीदी मौजूद थे।


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