बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

भारत के तिरंगे से पहले क्या आपने इन झंडों को कभी देखा है ?

भारत के तिरंगे से पहले क्या आपने इन झंडों को कभी देखा है ?

हर देश का अपना खुद का झंडा होता है. आजाद देश की यह एक सबसे बड़ी पहचान होती है. आज भारत का भी खुद का झंडा है जिसे तिरंगा भी कहते हैं. हरा, सफ़ेद, केसरिया और बिच में नीला चक्र बना यह तिरंगा आज देश की सबसे बड़ी पहचान है. सभी देशो के लिये उनका राष्ट्रिय झंडा काफी मायने रखता है। कई लोग तो इसकी सुरक्षा के लिये अपने प्राण गवाए है। भारत का तिरंगा 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व 22 जुलाई, 1947 को भारतीय संविधान-सभा की बैठक में स्वीकार किया गया था. देश की शान इस तिरंगे को पिंगली वेंकैया ने डिज़ाइन किया था. हमारा राष्ट्रिय झंडा ही हमारी राष्ट्रिय एकता को दर्शाता है। पर क्या आपको पता है कि देश आजाद होने से पहले हमारा खुद का एक भी झंडा नहीं हुआ करता था. 


1.देश आजाद से पहले कुछ इस तरह के होते थे झंडे:


2. -  1858 से 1947 तक यह ब्रिटिश-इंडिया का झंडा था. इसे ब्रिटिश साम्राज्य ने बनाया था. 1858 में इस झंडे को जारी किया था. अंग्रेज़ों ने भारत के साथ-साथ  अन्य ब्रिटिश उपनिवेशों में भी इसी झंडे को आधिकारिक तौर पर जारी किया था. इस झंडे में एक तरफ ब्रिटिश झंडा और दूसरी तरफ़ स्टार ऑफ़ इंडिया को रखा गया था.


3.  - इस झंडे को 1916 में लेखक पिंगली वेंकैया ने राष्ट्र को एकजुट करने के लिए तैयार किया था. झंडे में चरखा शामिल करने का सुझाव गाँधी जी ने दिया था.  इसे 1921 में गाँधी गई ने फहराया था. चरखे में खींची गयी तीन रेखाएं समुदायों को प्रदर्शित करने के लिए की गई थी.


4.  - इस झंडे को पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था. इस झंडे को 1931 में कांग्रेस कमेटी की बैठक में मंजूरी दी गई थी.


5.  - बाल गंगाधर तिलक ने इस झंडे को लेकर अंग्रेजों द्वारा भारत को अपने अधीन बनाने के ख़िलाफ़ Home Rule आंदोलन किया था.


6.  - मदम भिकाजी कामा, विनायक दामोदर सावरकर और श्यामजी कृष्ण वर्मा ने मिल कर इसे डिजाइन किया था. इस झंडे को 22 अगस्त को जर्मनी के स्टुटगार्ट में फ़हराया गया था. 


7.  - इस झंडे को सचिन्द्र प्रसाद बोस और सुकुमार मित्रा ने डिज़ाइन किया था. 1906 में इस झंडे को कलकत्ता में पारसी बागान में 7 अगस्त को फ़हराया गया था. उस वक़्त यह 'कलकत्ता ध्वज' या 'कमल ध्वज' के रूप में भी जाना जाता था. 


8.  - सुभाष चंद्र बोस ने इसे 30 दिसंबर, 1943 को पोर्ट ब्लेयर के जिमखाना ग्राउंड (अब नेताजी स्टेडियम) में पहली बार भारत का राष्ट्रीय ध्वज फ़हराया था. पहली बार साल 1943 में भारतीय फ़ौज ने आज़ाद हिन्दुस्तान में कदम रखा था.

- 1904 से 1906 तक स्वामी विवेकानंद की बहन निवेदिता ने झंडे को बनाया था. इस पर वनडे मातरम लिखा था. 

Suggested News