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क्या प्रदेश के राजकीय चिह्न के बारे में नहीं जानते हैं ‘तेजस्वी’, ‘स्वास्तिक’ पर सवाल उठाने को लेकर विस अध्यक्ष ने खूब सुनाया

क्या प्रदेश के राजकीय चिह्न के बारे में नहीं जानते हैं ‘तेजस्वी’, ‘स्वास्तिक’ पर सवाल उठाने को लेकर विस अध्यक्ष ने खूब सुनाया

PATNA : बिहार विधानसभा परिसर में शताब्दी समारोह को लेकर बन रहे शताब्दी स्तंभ में स्वास्तिक चिह्न लगाने को लेकर राजद और नेता प्रतिपक्ष द्वारा की जा रही राजीनीति पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने गहरी नाराजगी जाहिर की है। विधानसभा अध्यक्ष ने स्वास्तिक पर तेजस्वी के बातों पर सवाल उठाते हुए कहा  उन्हें जानकारी का अभाव है। जिस स्वास्तिक को लेकर वह राजनीति कर रहे हैं। वह बिहार का राजकीय चिह्न का हिस्सा है। 

धर्मनिरपेक्षता के नाम पर राजनीति

स्पीकर ने कहा कि स्वास्तिक विधानसभा के लेटर पैड पर भी है और यह राजकीय चिह्न है. जहां तक स्वास्तिक चिह्न का सवाल है तो तमाम विधायकों के लेटर पैड पर भी वैसा चिह्न है. इसे धर्मनिरपेक्षता से नहीं जोड़ना चाहिए. बिहार में स्वास्तिक चिह्न सभी विधायक, यहां तक कि नेता प्रतिपक्ष के लेटर पैड पर भी है. यह बात उन्हें समझनी चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता का मतलब ये नहीं कि हम धर्म और विरासत को भूल जाएं. विधानसभा में शताब्दी स्तंभ में अशोक चक्र भी रहेगा, बोधि वृक्ष भी रहेगा जो बिहार का सिंबल है. निश्चित तौर पर उसको भी जगह मिलेगा. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को इसकी जानकारी नहीं है. जानकारी के अभाव में ही वह इस तरह की बातें कर रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि किसी को भी इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए. 

विधानसभा अध्यक्ष ने साफ-साफ कहा कि शताब्दी स्तंभ में अशोक चक्र भी रहेगा, बोधि वृक्ष भी रहेगा और स्वास्तिक का चिह्न भी रहेंगे. इस को लेकर जो भी बातें विपक्ष द्वारा कही जा रही हैं, वह गलत हैं. उन्हें जानकारी का अभाव है और इसलिए इस तरह की बातें वह कर रहे हैं.

बता दें कि बिहार विधानसभा के शताब्दी वर्ष पूरा होने के बाद विधानसभा के बाहर शताब्दी स्तंभ का निर्माण किया जा रहा है। जिस पर तेजस्वी यादव ने स्तंभ में स्वास्तिक लगाए जाने को लेकर आपत्ती जाहिर की थी। तेजस्वी ने इस पर एक ट्विट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह की स्मृति में विधानसभा के मुख्य द्वार के सामने एक स्तम्भ बन रहा है। आजादी के बाद देश का यह प्रथम ऐसा स्तम्भ होगा जिसमें अशोक चक्र नहीं है। नीतीश सरकार ने देश की धर्मनिरपेक्ष छवि को ध्वस्त करते हुए अशोक चक्र की जगह स्वास्तिक चिन्ह लगाया है।


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