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सरकारी अस्पताल में डॉक्टर नदारद, मरीजों के परिजनों ने किया हंगामा, पुलिस ने किया बल प्रयोग

सरकारी अस्पताल में डॉक्टर नदारद, मरीजों के परिजनों ने किया हंगामा, पुलिस ने किया बल प्रयोग

JAMSHEDPUR : कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में डॉक्टरों की लापरवाही का अद्भुत मामला सामने आया है. सोमवार को शाम 5 बजे से लेकर रात 9 बजे तक अस्पताल में एक भी डॉक्टर नजर नहीं आए. यहां तक कि आपातकालीन सेवा में भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे. ये हम नहीं बदहाल अस्पताल में में इलाज करा रहे मरीज के परिजन बता रहे हैं. जहां डॉक्टर नहीं होने के कारण अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड मे दो मरीजो की मौत हो गई. घंटो इमरजेंसी वार्ड मे डॉक्टर नही होने से मरीज तड़पते रहे. जिसके बाद मरीजों के परिजनों के सब्र का बांध टूट गया और और पूरे अस्पताल मे जमकर हंगामा करते हुए अस्पताल के मेन गेट मे ताला लगा दिया. 

वहीं देर रात तक घंटो अस्पताल मे हंगामा चलता रहा. इधर असहाय, लाचार और बेबस मरीज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड मे तड़पते रहे. वहीं मरीजों के परिजनों का हंगामा बढ़ता देख अस्पताल की नर्सें भी भाग खड़ी हुई. आलम ये रहा कि अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड मे सीरियस मरीज तड़पता रहा और उसे देखने तक कोई नही आया. इधर मीडिया को जानकारी मिलते ही मीडिया कर्मियो ने इसकी जनाकारी राज्य के मंत्री सरयू राय को दी. जिसके बाद मंत्री सरयू राय तुरंत एमजीएम अस्पताल पहुंचे. 

यहाँ आकर उन्होने अपनी आंखों से अस्पताल का पूरा नजारा देखा और तत्काल मंत्री सरयू राय ने इसकी शिकायत रांची मुख्य सचिव को कर दी. जिसके बाद आनन- फानन मे एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक और कई डॉक्टर मौके पर पहुंचे और सभी मरीजो का इलाज शुरु कर दिया. इसके बाद लोगों का हंगामा कम हुआ. अस्पताल मे घंटो डॉक्टर गायब रहे और मरीज तड़पते रहे. इधर अस्पताल मे अपने मंत्री को जब गरीब परिजनो ने देखा, तो उनका पैर पकड़ कर रोने लगे. उन्होंने कहा कि अस्पताल के डॉक्टरो की लापरवाही से उनके परिजन की मौत हो गई. इस घटना को देख मंत्री भी भावुक हो गए. उन्होने भी कहा कि मुझे खुद शर्म को आ रही है. यह घटना सरकार के लिए भी काफी शर्म की बात है. जब हम अस्पताल नहीं सुधार नही पा रहे है, तो क्या दावे करते है. घटना के बाद अस्पताल के अधीक्षक ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही.

एमजीएम अस्पताल मे घंटो डॉक्टर गायब रहे. तो मरीजो को तड़पता देख अस्पताल मे मौजूद होम गार्डो ने मरीजो का मदद किया. जैसे- तैसे उन मरीजो का ईलाज कराने का प्रयास करते रहे. लेकिन जब मरीजो की मौत होने लगी तो फिर क्या था,  आक्रोशित लोगों ने अस्पताल मे जंमकर हंगामा करना शुरु कर दिया. हंगामा बढ़ता देख भारी संख्या मे अस्पताल मे पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई. पीड़ित परिवार के लोगों को बल का प्रयोग कर शांत कराया गया. वैसे अब देखना है कि क्या इतना कुछ होने के बाद भी अस्पताल की व्यवस्था ठीक होती है या इसी तरह गरीब मरीजो की मौत अस्पताल मे होती रहती है. आंकड़ों की अगर बात करें तो पिछले छः महीनों के भीतर अस्पताल मे लगभग 97 लोगो की मौतें हो चुकी है.

जमशेदपुर से संतोष की रिपोर्ट 


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