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डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या की रची जा रही है साजिश, एसटीएफ पर लगा आरोप

डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या की रची जा रही है साजिश, एसटीएफ पर लगा आरोप

NEWS4NATION DESK :  जेल में बंद डॉन मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया है।  पूर्वांचल के आतंक मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह का कहना है कि झांसी जेल में बंद उसके पति मुन्ना बजरंगी को एनकाउंटर करने का षंड्यंत्र रचा जा रहा है। एक कार्यक्रम में डॉन की पत्नी ने कहा कि एसटीएफ में तैनात एक अधिकारी के इशारे पर उसके पति की हत्या की साजिश रची जा रही है। इस अफसर के कहने पर ही जेल में बजरंगी को खाने में जहर देने की कोशिश की गई। वहीं उन्होंने ढाई साल पहले विकासनगर में पुष्पजीत सिंह व गोमतीनगर में हुए तारिक हत्याकांड में शामिल शूटरों को सत्ता व पुलिस अधिकारियों का संरक्षण मिलने का आरोप भी मढ़ा।

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इंस्पेक्टर ने कैदी संग रची हत्या की साजिश
सीमा का आरोप है कि पति की हत्या की जेल में साजिश रची गई थी। नौ मार्च को एसटीएफ कानपुर में तैनात इंस्पेक्टर घनश्याम यादव झांसी जेल गए थे। उन्होंने कैदी कमलेश से मुलाकात की थी जिसकी तस्वीरें जेल में लगे सीसी कैमरे में कैद हुई हैं। सीमा का आरोप है कि घनश्याम ने कैदी को बजरंगी के खाने में जहर मिला कर उसकी हत्या करने के लिए कहा था। कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है।

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कौन है मुन्ना बजरंगी?
पूर्वांचल का आतंक मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में जन्में मुन्ना बजरंगी के पिता पारसनाथ सिंह उसे पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाना चाहते थे, लेकिन उसने पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी। किशोर अवस्था तक आते आते उसे कई ऐसे शौक लग गए जो उसे जुर्म की दुनिया में ले जाने के लिए काफी थे।

जुर्म की दुनिया में पहला कदम
बचपन से ही फिल्मों की तरह एक बड़ा गैंगेस्टर का सपना देखने वाले मुन्ना ने महज 17 साल की उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था। जौनपुर के सुरेही थाना में उसके खिलाफ मारपीट और अवैध असलहा रखने का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद मुन्ना ने कभी पलटकर नहीं देखा। वह जरायम की दुनिया में बढ़ता चला गया। 
अस्सी के दशक में की थी पहली हत्या
अपराध की दुनिया में अपनी पहचान बनाने की कोशिश में लगे मुन्ना बजरंगी को सबसे पहले जौनपुर के स्थानीय दबंग माफिया गजराज सिंह का संरक्षण हासिल हो गया। मुन्ना अब उसके लिए काम करने लगा था। इसी दौरान 1984 में मुन्ना ने लूट के लिए एक व्यापारी की हत्या कर दी। उसके मुंह खून लग चुका था। इसके बाद उसने गजराज के इशारे पर ही जौनपुर के भाजपा नेता रामचंद्र सिंह की हत्या करके पूर्वांचल में अपना दम दिखाया। उसके बाद उसने कई लोगों की जान ली।

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मुख्तार अंसारी के गैंग में हुआ शामिल
पूर्वांचल में अपनी साख बढ़ाने के लिए मुन्ना बजरंगी 90 के दशक में पूर्वांचल के बाहुबली माफिया और राजनेता मुख्तार अंसारी के गैंग में शामिल हो गया। यह गैंग मऊ से संचालित हो रहा था, लेकिन इसका असर पूरे पूर्वांचल पर था। मुख्तार अंसारी ने अपराध की दुनिया से राजनीति में कदम रखा और 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर मऊ से विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद इस गैंग की ताकत बहुत बढ़ गई। मुन्ना सीधे पर सरकारी ठेकों को प्रभावित करने लगा था। वह लगातार मुख्तार अंसारी के निर्देशन में काम कर रहा था।

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एक के बाद एक कई हत्याएं
पूर्वांचल में सरकारी ठेकों और वसूली के कारोबार पर मुख्तार अंसारी का कब्जा था, लेकिन इसी दौरान तेजी से उभरते बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय उनके लिए चुनौती बनने लगे। उन पर मुख्तार के दुश्मन ब्रिजेश सिंह का हाथ था। उसी के संरक्षण में कृष्णानंद राय का गैंग फल फूल रहा था। इसी वजह से दोनों गैंग अपनी ताकत बढ़ा रहे थे। इनके संबंध अंडरवर्ल्ड के साथ भी जुड़े गए थे। कृष्णानंद राय का बढ़ता प्रभाव मुख्तार को रास नहीं आ रहा था। उन्होंने कृष्णानंद राय को खत्म करने की जिम्मेदारी मुन्ना बजरंगी को सौंप दी। मुख्तार से फरमान मिल जाने के बाद मुन्ना बजरंगी ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय को खत्म करने की साजिश रची, और उसी के चलते 29 नवंबर 2005 को माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के कहने पर मुन्ना बजरंगी ने कृष्णानंद राय को दिन दहाड़े मौत की नींद सुला दिया। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर लखनऊ हाइवे पर कृष्णानंद राय की दो गाड़ियों पर AK47 से 400 गोलियां बरसाई थी। इस हमले में गाजीपुर से विधायक कृष्णानंद राय के अलावा उनके साथ चल रहे 6 अन्य लोग भी मारे गए थे।

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वहीं पिछले वर्ष झारखंड के धनबाद में हुए बहुचर्चित पूर्व डिप्टी मेयर व कांग्रेस नेता नीरज सिहं की हत्या में भी मुन्ना बजरंगी का नाम सामने आया था। पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड मामले में एसटीएफ ने मिर्जापुर (यूपी) से गिरफ्तार शूटर अमन सिंह से पूछताछ की। उसने बताया कि वो इस हत्याकांड में शामिल था। डॉन मुन्ना बजरंगी के साथ मिल कर संजीव ने हत्या की साजिश रची थी। बजरंगी ने ही शूटरों का इंतजाम किया था। बताते चलें कि 21 मार्च 2017 की शाम गोलियों से भूनकर नीरज सिंह समेत चार की हत्या कर दी गई थी। पोस्टमार्टम के दौरान उनकी बॉडी में 67 गोलियों के निशान मिले थे। 

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