PATNA : बिहार के डिप्टी
सीएम और वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बुधवार को बिहार की बढ़ती अर्थव्यवस्था पर
अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि बिहार ने पिछले 12 साल में डबल डिजिट ग्रोथ हासिल
किया है। केन्द्र और राज्य के बीच टकराव से विकास नहीं हो सकता। केन्द्र सरकार के
आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम का मानना है कि जीएसटी से बिहार को फायदा हुआ
है। जीएसटी केन्द्र सरकार का क्रांतिकारी फैसला है।
बुधवार को बिहार सरकार और आद्री संस्था की ओर से पटना में
विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय था - एन एनालिटिकल फ्रेमवर्क फॉर फिसिकल फेडरेलिज्म। सुशील
कुमार मोदी और अरविंद सुब्रम्णयम ने आर्थिक संघवाद पर अपने विचार रखे।
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार का विकास दर दोहरे अंक में
पहुंच गया है जो बहुत खुशी की बात है। 2016-17 में मौजूदा दर पर ग्रोथ रेट 14.8
प्रतिशत था। पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान बिहार के प्रतिव्यक्ति आय में 13.15
फीसदी की बढोतरी दर्ज की गयी थी। बिहार विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। लेकिन
केन्द्र और राज्य के बीच टकराव से विकास बाधित होता है। दोनों में समन्वय से ही
विकास होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि फाइनेंस कमिशन की टीम बिहार आने वाली है।
उन्होंने आयोग के अध्यक्ष से मिल कर बिहार के हित की बात रख दी है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि जीएसटी एक क्रांतिकारी कदम है। इसे लागू करने में कुछ परेशानी हुई लेकिन अब इसका लाभ मिलेगा। पहले साल ही राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। बिहार को जीएसटी से फायदा हुआ है। जीएसटी से मैन्यूफैक्चरिंग बहुल राज्यों को शुरु में कुछ परेशानी हुई । इन राज्यों के उद्योगों से कर के रूप में ज्यादा वसूली हुई। बिहार मैन्यूफैक्चरिंग राज्य नहीं है। इसलिए यहां से कर की वसूली कम हुई। चूंकि बिहार कंज्यूमर स्टेट है, इसलिए इसे जीएसटी से फायदा हुआ। आद्री संस्था के प्रमुख शैवाल गुप्ता ने भी इस विषय पर अपनी राय रखी।