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डॉ राज्यवर्धन आजाद बने विधान परिषद सदस्य, जदयू के कुशवाहा नेताओं में नाराजगी,नीतीश के फैसले की दबे स्वर में कर रहे हैं आलोचना

डॉ राज्यवर्धन आजाद बने विधान परिषद सदस्य, जदयू के कुशवाहा नेताओं में नाराजगी,नीतीश के फैसले की दबे स्वर में कर रहे हैं आलोचना

लोकसभा चुनाव 2024 का चुनाव कुछ महीने बाद होने वाले हैं, जातिवादी गणित हैठाने की जुगत में नेता जुटे हुए हैं.नीतीश कुमार के कई साथियों ने उनका साथ छोड़ दिया. पहले आरसीपी सिंह, फिर उपेंद्र कुशवाहा और अब जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष ललन पासवान ने गुरुवार को पार्टी छोड़ दी.पार्टी सूत्रों की मानें अब एक और समुदाय वर्ग के नेता नीतीश कुमार से नाराज हैं, सीएम के सामने तो कोई कुछ नहीं बोल रहा है लेकिन पार्टी के अंदरखाने में विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं. उपेद्र कुशवाहा ने जदयू को छोड़ा तब से यह कुशवाहा समुदाय के नेता आस लगाए बैठे कि कुशवाहा वर्ग के नेता को ही जगह मिलेगी. लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आज़द के के बेटे डॉ. राजवर्धन आजाद को एमएलसी मनोनीत किया तो पार्टी में दबे स्वर में विरोध की आहट सुनाई देने लगी . बता दें बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. राजवर्धन आजाद को बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाया गया है. डॉ राजवर्धन आजाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे हैं और देश के नामी चिकित्सक हैं. डॉ आजाद को उपेंद्र कुशवाहा के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई सीट के लिए मनोनीत किया गया है. राजभवन में इस बाबत अधिसूचना जारी की है.
 डॉ. राजवर्धन ब्राह्मण हैं तो सीएम नीतीश के फ़ैसले के बाद जदयू के कुशवाहा नेताओं के बीच गुस्सा देखा जा सकता है. इसपर उपेन्द्र कुशवाहा ने भी चुटकी ली है. उन्होंने जदयू के कुशवाहा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर करारा हमला किया. उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू में कुशवाहा नेताओं की अनदेखी का आरोप लगाया है. कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया है कि 'न समझोगे तो मिट जाओगे, ऐ मेरे दोस्तों, तेरी दास्तां तक न होगी दास्तानों में'

बता दें कि फरवरी माह में उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू से नाता तोड़ लिया था और उन्होंने विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया था. उपेंद्र कुशवाहा जदयू के राजद के साथ जाने से नाराज थे और उन्होंने पार्टी के जदूय के साथ जाने का विरोध किया था. उनका कहना था कि यदि पार्टी जदयू के साथ जाती है, तो इससे पार्टी का जनाधार समाप्त होगा. वह बीजेपी के साथ जाने के पक्ष में थे. 

डॉ राजवर्धन आजाद को एमएलसी बनाए जाने के बाद जदयू के कुशवाहा नेताओं में आक्रोश है. देखना होगा कि सीएम नीतीश अपने खफा कुशवाहा नेताओं को कैसे खुश करते हैं.

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