ज्यादा पानी पीना भी है हानिकारक, दिमाग पर पड़ता है असर

गर्मी के मौसम में शरीर से काफी पानी पसीने के रूप में निकल जाती है, मनुष्य के शरीर में 70% पानी होना अनिवार्य है. वैज्ञानिक कहते है कि गर्मी में अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए, तो शरीर में पानी का संतुलन बना रहता है, लेकिन पानी पिने की भी एक निश्चित सिमा होते है. अगर अपने पानी जरुरत से अधिक लिया तो वो आपके दिमाग पर असर डाल सकता है.

एक शोध में मिली जानकारी के अनुसार अगर रक्त में सोडियम की कमी हुई तो हाइपोनेट्रिमिया हो जाता है. सोडियम एक इलेक्ट्रोलाइट है और यह कोशिकाओं के आसपास पानी को नियंत्रित करता है. जब आप पानी अधिक पीते है तो शरीर में पानी के स्तर में वृद्धि का कारण बनता है और कोशिकाएं सूखने लगती हैं. यह सूजन कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जो जानलेवा भी साबित हो सकती हैं.

हेल्थ वैज्ञानिकों का कहना है कि "ओवर हाइड्रेशन को आप पानी का नशा समझ सकते हैं. इस हालत में, शरीर में नमक और अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स का घोल बहुत पतला हो जाता है. एक व्यक्ति जो सामान्य मात्रा में पानी पीता है, उसका मूत्र पारदर्शी पीले रंग का होता है. हालांकि ज्यादातर लोग मानते हैं कि मृत्र का पारदर्शी होना हाइड्रेशन का सबसे स्वस्थ संकेत है. बिना किसी रंग के मूत्र का यह संकेत भी हो सकता है कि व्यक्ति बहुत ज्यादा पानी पी रहा है."
एक व्यक्ति को आठ से दस गिलास पानी ही पीना चाहिए. यह व्यक्ति की ऊंचाई, वजन और व्यायाम पैटर्न के आधार पर भिन्न हो सकता है. बहुत सारा पानी पीने या शरीर से इसे हटाने का एक प्रभावी तंत्र न होने से शरीर में पानी इकट्ठा हो सकता है. यह रक्त में महत्वपूर्ण पदार्थों को डायल्यूट या पतला करता है. ओवर हाइड्रेशन के कुछ सामान्य लक्षणों में मतली और उल्टी, सिरदर्द, मानसिक स्थिति में परिवर्तन जैसे भ्रम या विचलन आदि शामिल हैं. बाद में या इलाज नहीं किये जाने पर इससे मांसपेशियों की कमजोरी, स्पेज्म या ऐंठन, दौरे, बेहोशी और कोमा की स्थिति भी पैदा हो सकती है.