PATNA : गुरुवार को बर्खास्त महिला सिपाही पूरे रौ में दिखीं। महिला सिपाहियों ने पुलिस लाइन के सार्जेंट मेजर सह डीएसपी मसलाउद्दीन पर संगीन इल्जाम लगाया है। महिला सिपाहियों का साफ कहना है कि छुट्टी मांगने पर डीएसपी साहब केबिन में बुलाते थे। अश्लील हरकतें करते थे। भद्दी-भद्दी गालियां देते थे।
महिला सिपाहियों ने गुरुवार को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि सिंह के सामने खुलकर अपना दर्द रखा। 32 बर्खास्त महिला सिपाही प्रताड़ना की शिकायत लेकर पटना में राज्य महिला आयोग के दफ्तर पहुंची और अपना दर्द बयां किया।
बर्खास्त महिला सिपाहियों ने कहा कि हमलोगों को ट्रेनिंग नहीं दी गयी और सीधे रोड पर ड्यूटी करने के लिए खड़ा कर दिया गया। 2 नवंबर को पुलिस लाइन में जो कुछ भी हुआ, उसके लिए बर्खास्त महिला सिपाही क्षमा भी मांग रही हैं। महिला सिपाहियों का कहना है कि तीन महीने से हमलोगों में आक्रोश पनप रहा था।
डीएसपी साहब बार-बार प्रताड़ित करते थे। हमलोगों से हमेशा गाली से बात करते थे। हेय दृष्टि से देखते थे। हमेशा मां-बाप के नाम पर गाली देते थे। तीन महीने से हमलोगों के साथ यह सब कुछ हो रहा था लेकिन कोई देखने-सुननेवाला नहीं था।
हमलोगों को सीधे बर्खास्त कर दिया गया। कोई नोटिस भी नहीं दी गयी। गुरुवार को महिला सिपाहियों ने खुलकर मीडिया के सामने अपनी बात रखी। 2 नवंबर की घटना के बारे में भी महिला सिपाहियों ने बताया कि सारा बवाल डीएसपी साहब के कारण ही हुआ। हमलोगों को मृत महिला सिपाही सविता को श्रद्धांजलि देने के लिए पुलिस लाइन बुलाया गया था। इसी बीच लाइन डीएसपी भी शोक संवेदना प्रकट करने वहां पहुंचे लेकिन वो शोक प्रकट करने की जगह पर अपशब्द का प्रयोग करने लगे। उनके इस दुर्व्यवहार के कारण ही वहां मौजूद सिपाही भड़क उठे और पुलिस लाइन में तोड़फोड़ शुरू कर दी।