झांसा देकर चंचल बाबू के चेंबर तक पहुंच गये DSP साहब, सस्पेंड हो गये CM सुरक्षा के आधा दर्जन जवान

PATNA : बिहार पुलिस के एक DSP के फेरे में
मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगे विशेष सुरक्षा दल के आधा दर्जन जवान और अधिकारी
सस्पेंड हो गये हैं. कसूर ये है कि सीएम सुरक्षा के लोग एक DSP साहब के झांसे
में आ गये थे. DSP साहब मलाईदार पोस्टिंग की कोशिश में थे. पुलिस महकमें ये
खबर खूब चर्चे में है.
पुलिस महकमे में हो रही चर्चाओं के मुताबिक मामला दो दिन
पहले का है. निगरानी विभाग में तैनात एक डीएसपी साहब सीएम आवास के गेट पर पहुंचे
और वहां तैनात पुलिसकर्मियों से कहा कि उन्हें चंचल बाबू ने बुलाया है. गेट पर उस
वक्त एक इंस्पेक्टर और कुछ जवानों की तैनाती थी. अपने ही महकमे के एक DSP से सीएम सुरक्षा
दल को झूठ की उम्मीद नहीं थी. लिहाजा उन्हें गेट के अंदर इंट्री दे दी गयी.
हालांकि सीएम आवास का नियम ये है कि जिन्हें मिलने के लिए बुलाया जाता है उनकी
सूची पहले ही गेट पर दे दी जाती है. अगर विशेष परिस्थिति में किसी को आनन फानन में
भी बुलाया गया तो इसकी भी सूचना वायरलेस के जरिये गेट पर दी जाती है. DSP के बारे में ऐसी
कोई सूचना नहीं दी गयी थी. लेकिन फिर भी सीएम सुरक्षा के जवानों-अधिकारियों ने
अपने DSP को अंदर जाने दिया.
आग बबूला हो गये चंचल बाबू
चर्चाओं के मुताबिक डीएसपी साहब चंचल कुमार के चेंबर के गेट
तक पहुंच गये. तब सीएम के प्रधान सचिव की नजर उन पर पड़ी. पूछताछ की तो पता चला कि
पोस्टिंग के लिए उनसे मिलने आये हैं. नाराज चंचल कुमार ने डीएसपी को सीएम आवास से
बाहर निकलवाया और फिर उनकी पहचान की जाने लगी जिन्होंने उन्हें अंदर आने दिया था.
आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को इस मामले में दोषी पाया गया है. उन्हें सस्पेंड कर
दिया गया है. सूत्र बताते हैं कि इसमें एक इंस्पेक्टर भी शामिल हैं. वहीं, DSP के खिलाफ भी
अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जा रही है.
पहले भी हो चुका है वाकया
दरअसल कुछ साल पहले भी बिहार के एक बहुचर्चित आई पी एस
अधिकारी बिना परमिशन के ही चंचल कुमार से मिलने पहुंच गये थे. गेट पर खड़े
पुलिसवालों ने अपने अधिकारी को नहीं रोका था. उस वक्त सीएम सुरक्षा के तीन लोगों
को वार्निंग लेटर दिया गया था. लेकिन इस दफे सीधे गाज गिर गयी.
पुलिस मुख्यालय की जुबान बंद
हमने इस मामले की पुष्टि पुलिस मुख्यालय से करने की कोशिश
की. लेकिन पुलिस का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. जाहिर है मामला
सीएम आवास और चंचल कुमार का हो तो कौन अपनी जुबान खोलेगा.