पटना. बिहार में कोरोना के मामलों में पिछले कुछ दिनों से तेजी देखी जा रही है. खासकर राजधानी पटना में कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि होने से सरकार की चिंताएं बढ़ी हैं. वहीं राज्य के अन्य बड़े शहरों में भी कोरोना के मामले लगातार निकल रहे हैं. हालाँकि राहत की बात है कि फ़िलहाल जो मामले सामने आए हैं उनमें संक्रमितों में लक्षण ज्यादा गंभीर नहीं दिखे हैं. ज्यादातर संक्रमित खुद को घरों में ही अलग रखकर अपना उपचार शुरू किए हैं और अस्पताल में बेहद कम लोग गए हैं.
इस बीच कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार भी एक्शन मूड में आ गई है. कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए राज्य में डॉक्टरों की छुट्टी 28 फरवरी तक रद्द कर दी गई है. राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों पर यह नियम लागू रहेगा. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंगलवार को कोरोना के मुद्दे पर बैठक कर रहे हैं और बुधवार को नए प्रतिबंधों की घोषणा की जाएगी.
कोरोना की चपेट में जदयू अध्यक्ष ललन सिंह भी आ गए हैं. उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर पॉजीटिव होने की जानकारी दी. जदयू कार्यालय में भी करीब पांच लोगों के पॉजिटिव आने के बाद जदयू दफ्तर सील कर दिया गया है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और उनके परिवार के 18 सदस्य और सहयोगी कोरोना पॉजिटिव हुए हैं.
राज्य में एक मात्र अरवल जिले में कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं है. बाकि सभी जिलों में कोरोना के मामले मिल चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो मंगलवार दोपहर को आई रिपोर्ट (24 घंटे) में 522 नए लोग पॉजिटिव मिले हैं. इनमें 2 से लेकर 17 साल के बीच के लगभग 40 बच्चे भी शामिल हैं. वहीं राज्य में 800 से ज्यादा संक्रमित मिले हैं.