MADHUBANI : मधुबनी के झंझारपुर एडीजे अविनाश कुमार को उनके ही चैंबर में घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण ने अपने सहयोगी पुलिस अधिकारी एसआई अभिमन्यु कुमार शर्मा के साथ एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के कार्यालय में घुसकर उन पर हमला कर दिया। बताया जाता है कि इस दौरान थानाध्यक्ष ने एडीजे पर पिस्तौल तान ली और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उनके साथ मारपीट की। । दोषी पुलिसकर्मियों को जेल भेज दिया गया है। वहीं हाईकोर्ट ने भी मामले में स्वतः संज्ञान लिया है और डीजीपी, गृह सचिव, मुख्य सचिव और मधुबनी एसपी को नोटिस जारी किया है। इस घटना को लेकर खूब चर्चा हो रही है। यहां जिस एडीजे की पिटाई की गई, वह कुछ माह पहले भी अपने फैसले को लेकर चर्चा में रहे थे। हालत यह हो गए थे कि हाईकोर्ट ने उन्हें न्यायिक कार्य में शामिल होने पर रोक लगा दी थी
अजीब फैसले देकर आए थे चर्चा में
कुछ माह पहले एडीजे अविनाश कुमार तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने एक के बाद एक अनोखे फैसले सुनाने शुरू कर दिए। जिनमें कुछ फैसले ऐसे थे, जिनकी देश भर में चर्चा हुई थी। जिनमें एक टिप्पणी उन्होंने मधुबनी के एसपी पर भी की थी और उन्हें हैदराबाद जाकर दोबारा प्रशिक्षण लेने का सुझाव दिया था। यहां हम बता रहे एडीजे के कुछ अनोखे फैसले, जो चर्चा में रहे
23 अगस्त - मधेपुर थाना कांड सं. 164/20 में आरोपित नीतीश कुमार यादव को पांच गरीब परिवार के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने की शर्त पर जमानत
28 अगस्त - अंधरामठ थाना कांड सं. 184-19 में आरोपित नीरज कुमार साफी को पांच गरीब अनपढ़ महिला व लड़की को साक्षर बनाने की शर्त पर जमानत दी गई।
01 सितंबर - झंझारपुर थाना के एक मामले में आरोपित मो. रुस्तम को नाला सफाई की शर्त पर जमानत
11 सितंबर - भैरवस्थान थाना कांड सं. 70/21 में आरोपित मो. शबीर को पांच बेरोजगारों को जड़ी बनाने का हुनर सिखाने की शर्त पर दी जमानत
12 सितंबर - फुलपरास थाना कांड सं. 187/21 में आरोपित राजीव कुमार व नीतीश कुमार को बाढ़ पीड़ितों में मुफ्त दाल बांटने की शर्त पर जमानत दे दी गई थी
15 सितंबर - खुटौना थाना कांड सं. 122/20 में आरोपित राम कुमार राम को निर्माणाधीन मंदिर में मुफ्त श्रमदान की शर्त पर जमानत
21 सितंबर - लौकहा थाना कांड सं. 130/21 आरोपित ललन साफी को गांव की महिलाओं का छह माह तक मुफ्त कपड़ा सफाई व इस्त्री करने की शर्त पर दी जमानत
इसी तरह एक कुत्ते को पालने और पांच कुत्तों को एक माह तक खाना देने की शर्त पर एक हत्यारोपित को जमानत दी थी। वहीं रंगदारी व मारपीट के दो आरोपितों को अनुसूचित जाति के गरीब पांच बच्चों को छह माह तक आधा लीटर दूध मुफ्त में देने की शर्त पर जमानत दी थी।