डेस्क...खबर बिहार के आरा से है जहां सदर अस्पताल में 2 दिन पहले जन्मी असामान्य बच्ची इस कलियुगी दुनिया को देख 40 घंटे बाद ही चल बसी वह जी सकती थी, लेकिन न तो उसके पिता इलाज करवाने को तैयार थे और न ही सरकार या समाजसेवियों ने सुध ली. दैनिक भास्कर डिजिटल ने बच्ची के जन्म के डेढ़ घंटे बाद ही उसकी स्थिति के बारे में बताते हुए सरकार तक बात पहुंचा दी, लेकिन कोई नहीं जागा न भोजपुर के DM, न स्वास्थ्य विभाग, न NGO,और न ही मुख्यमंत्री सचिवालय पिता ने लिखकर दे दिया- कुछ ही हुआ तो खुद जिम्मेदार होंगे जानकारी के मुताबिक बच्ची को हाइड्रोसेफलस की बीमारी थी.
यानी उसके सिर में पानी भरा था. इस वजह से 5 किलो 225 ग्राम वजन वाली बच्ची के सिर का वजन ही करीब 3.5 किलो था. जन्म से ही बच्ची की हालत नाजुक थी, इसलिए डॉक्टर्स ने पटना रैफर कर दिया. लेकिन, बच्ची के पिता सुशील ने साफ कह दिया कि पैसे नहीं हैं, इसलिए आगे इलाज नहीं करवा सकते. उन्होंने अस्पताल को लिखकर दे दिया कि बच्ची को यहीं रखेंगे, अगर कुछ भी होगा तो खुद जिम्मेदार होंगे.
आरा के सदर अस्पताल में बच्ची की देखरेख करने वाले डॉ. अजय कुमार पांडेय ने बताया कि शंट सर्जरी के जरिए दिमाग का पानी निकाला जाता है. इसमें लाखों का खर्च आता है इस ऑपरेशन की व्यवस्था भोजपुर जिले में कहीं नहीं है. बड़े अस्पतालों में ही ऐसी सर्जरी की जाती है. लेकिन न डीएम को इसकी फिकर रही और ना ही बच्ची के पिता को कोई परवाह रही.