PURNIA : दुर्गा पूजा पर गली मोहल्लों, सड़कों पर पूजा पंडाल बनाकर प्रतिमा स्थापित की जाती है। लेकिन शायद ही कभी जेल की दीवारों के पार भी दुर्गा पूजा करने की खबर सुनने को मिली हो। बिहार के पूर्णिया स्थित केंद्रीय कारागार ऐसा अनोखा जेल है, जहां बंदियों के साथ मिलकर जेल की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी ही जेल में पूजा का आयोजन करते हैं। इस दौरान दोनों बराबर रूप से अपनी सहभागिता निभाते हैं। इस साल भी यहां दशहरे पर भव्य दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है।
केंद्रीय जेल के अधीक्षक राजीव कुमार झा ने कहा कि पूर्णिया सेंट्रल जेल में सदियों से दुर्गा पूजा होती है । उनका कहना है कि यहां कब से पूजा हो रही है, यह तो वह भी नहीं बता सकते हैं। लेकिन यहां होनेवाली पूजा को लेकर आसपास के लोगों की आस्था है और वह यहां पूजा के लिए आते हैं। जेल अधीक्षक ने बताया कि यहां वैष्णव विधि द्वारा मां दुर्गा की पूजा और आराधना होती है । यहां कैदी से लेकर जेल प्रशासन की काफी सहभागिता होती है। पशु बलि की प्रथा नहीं
जेल अधीक्षक ने बताया कि वैष्णप पद्धति से पूजा होने के कारण यहां नवमी के दिन पशु बलि की जगह यहां कुम्हर की बलि दी जाती है। आसपास के लोगों में इस मंदिर की काफी ख्याति है ।उन्होंने कहा कि बगल के मोहल्ला और पुलिस लाइन के लोग भी बड़ी संख्या में यहां पूजा अर्चना करने आते हैं और दसों दिन विधि विधान के साथ माता की पूजा अर्चना होती है ।