PATNA - चुनाव आयोग ने इसी साल होने वाले तीन राज्यों के चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ और मिजोरम में इसी साल चुनाव होने हैं. चुनाव आयोग ने इन राज्यों में मतदान से लेकर मतगणना को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण कराने का जिम्मा बहुत हद तक बिहार के अधिकारियों को सौंपने की तैयारी कर ली है.
बिहार से 50 अधिकारियों की मांग
इन राज्यों में
चुनाव को लेकर चुनाव आयोग का पत्र बिहार सरकार को मिल गया है. आयोग ने राज्य सरकार
से 50 अधिकारियों की सूची
मांगी है. बिहार सरकार से 35 आई ए एस औऱ 15 आई पी एस अधिकारियों का नाम मांगा गया है.
उन्हें चुनाव वाले चार राज्यों में पर्यवेक्षक के तौर पर तैनात किया जायेगा. चुनाव
आयोग का पत्र मिलने के बाद राज्य सरकार ने सूची तैयार करने की कवायद शुरू कर दी
है. सूबे का सामान्य प्रशासन विभाग ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार कर रहा है.
सामान्य प्रशासन विभाग इसका भी खास ख्याल रख रहा है कि जिन अधिकारियों का नाम भेजा
जाये वे दागी न हों और चुनाव आयोग को उनके नाम पर कोई आपत्ति न हो.
पुलिसकर्मी भी भेजे जायेंगे
चार राज्यों में
होने वाले चुनाव में बिहार से पुलिसकर्मियों को भी भेजा जायेगा. चुनाव आयोग ने
बिहार से बीएमपी जवानों की मांग की है. इन जवानों शांतिपूर्ण मतदान के लिए तैनात
किया जायेगा. इससे पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी बिहार सैन्य पुलिस के
जवानों को भेजा गया था. बीएमपी जवानों के काम से चुनाव आयोग भी संतुष्ट है. लिहाजा
राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ और मिजोरम के लिए भी जवानों की मांग
की गयी है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक बिहार के नक्सल प्रभावित जिलों में काम कर
रहे जवानों की खास तौर पर मांग की गयी है. उन्हें छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित
इलाके में लगाया जा सकता है.
राज्य सरकार की बढ़ी चिंता
चुनाव आयोग के फरमान से राज्य सरकार की चिंता भी बढ़ गयी है. दरअसल, बिहार पहले से ही आई ए एस अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है. कई अहम विभाग अतिरिक्त प्रभार के सहारे चल रहा है. इन चार राज्यों में चुनाव की प्रक्रिया डेढ़ से दो माह तक चलने की संभावना है. ऐसे में तकरीबन तीन दर्जन अधिकारी लंबे समय तक अपना काम नहीं कर पायेंगे. लिहाजा सरकार को विकास कार्य में बाधा की आशंका सता रही है. चुनाव आयोग ने 15 आई पी एस अधिकारियों की भी मांग की है. ऐसे में सरकार को विधि व्यवस्था बनाये रखने में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. सरकारी सूुत्र बता रहे हैं कि राज्य सरकार इस बावत चुनाव आयोग से भी बात कर सकती है. उसकी मांग होगी कि बिहार से कम अधिकारियों को इलेक्शन ड्यूटी में लगाया जाये.