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नीतीश का मिशन-24 पर लगा ग्रहण! विपक्षी एकजुटता से पहले ही 'संसद सत्र' पर कांग्रेस-जदयू में मतभेद

नीतीश का मिशन-24 पर लगा ग्रहण! विपक्षी एकजुटता से पहले ही 'संसद सत्र' पर कांग्रेस-जदयू में मतभेद

पटना. बिहार के सीएम नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को केंद्र की सत्ता से बाहर करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। इसके लिए वे देश के तमाम भाजपा विरोधी दल को एक साथ लाने का प्रयास कर रहे हैं। हांलाकि इस विपक्षी एकजुटता से पहले एक बार विपक्षी दलों में फूट सामने आया है। दरअसल, संसद के शीतकालीन सत्र को तय समय से पहले खत्म होने पर जदयू ने भाजपा को जिम्मेदार माना है, वहीं कांग्रेस ने इसके लिए डीएमके, बीजेडी समेत कई क्षेत्रीय विपक्ष दलों को जिम्मेदार ठहराया है।

क्षेत्रीय विपक्षी दलों की वजह से संसद सत्र पहले हुआ समाप्त- कांग्रेस

दरअसल, संसद के शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि समय से पहले संसद के स्थगित होने के पीछे डीएमके, बीजेडी समेत कई क्षेत्रीय विपक्षी दलों की मांग थी। इन क्षेत्रीय दलों का कहना था कि जब कोई विधेयक सरकार के पास नहीं है, कोई विधायी कार्य नहीं है तो सत्र खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि ये मांग पहले दिन से ही कई विपक्षी दल उठा रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ये मांग कभी नहीं थी और अब सरकार को कोविड का बहाना मिल गया।

मोदी सरकार के आने से संसद सत्र लगातार हो रहा कम- जदयू

वहीं इससे पहले जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा था कि जब से केंद्र में मोदी सरकार आई है। तब से संसद का सत्र लगातार कम हो रहा है। मोदी सरकार ने संसद में बिल पास करवाने के बजाय देश को अध्यादेशों के बल पर तानाशाही रूप से चला रही है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने हास्यास्पद कारण देते हुए इस साल के लिए तय शीतकालीन सत्र 29 दिसंबर से 7 दिन पहले ही यानी 23 दिसंबर को खत्म कर दिया। वहीं केंद्र सरकार का मानना है कि क्रिसमस और नया वर्ष आने वाला है, इसलिए संसद का सत्र पहले खत्म कर दिया गया है।


विपक्षी एकजुटता के प्रयास में नीतीश

बता दें कि हाल ही में सीएम नीतीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर राजद से हाथ मिला लिया और बिहार में महागठबंधन की सरकार बना ली। तब से सीएम नीतीश भाजपा के खिलाफ मोर्चा खुले हुए हैं। इस बीच उन्हें 2024 चुनाव के लिए पीएम कैंडिडेट रूप में प्रोजेक्ट भी किया गया। हांलाकि उन्होंने इनसे साफ रूप से इनकार करते हुए कहा कि वे प्रधानमंत्री का उम्मीदवार नहीं है। उनका एक मात्र ही मकसद 2024 के चुनाव में भाजपा को केंद्र की सत्ता से बेदखल करना है। इसके लिए भाजपा विरोधी दल को एकजुट करेंगे।

दिल्ली में विपक्षी दलों से नीतीश की मुलाकात

इस कड़ी में उन्होंने सितंबर माह में दो दिवासीय दिल्ली जाकर कांग्रेस समेत कई दलों के नेताओं से मुलाकात की थी। इसमें सीपीएम, सीपीआई, सामाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी, एनसीपी के शिर्ष नेताओं से मिले थे। उस दौरान सीएम नीतीश ने कहा था कि इन लोगों से सकारात्मक बात हुई है। अब आगे विपक्षी एकजुटता के लिए सभी पार्टी एक साथ आएंगी। हांलाकि इसमें कई बार दरारें भी देखने को मिली हैं।

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