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राजनीति में भी ED पड़ी भारी, एयरसेल-मैक्सिस सौदा घोटाला, अगस्ता-वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा जैसे मामले की जांच करनेवाले अधिकारी को मिला बीजेपी का टिकट

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खत्म हुआ लखनऊ कैंट सीट पर टिकट का संस्पेंस, न अपर्णा, न रीता बहुगुणा के बेटे का नाम

पिछले कई दिनों यूपी चुनाव में जिस एक सीट पर सबसे ज्यादा सस्पेंस बना हुआ था, वह था लखनऊ के सभी विधानसभा सीट को लेकर। अब बीजेपी ने इसे खत्म कर दिया है। बीते मंगलवार को पार्टी ने 17 प्रत्याशियों की सूची जारी की है। जिसमें लखनऊ के सभी विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं। चौंकानेवाली बात यह है कि यहां लखनऊ कैंट और सरोजनी नगर सीट को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही थी। दोनों ही जगह से ऐसे लोगों को मौका दिया गया है, जिनके बारे में किसी को अनुमान नहीं था।

मुलायम की बहू खाली हाथ

बात सबसे पहले लखनऊ कैंट की करें तो यहां मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव का नाम सबसे ऊपर चल रहा था। माना जा रहा था कि उन्हें टिकट मिल सकता है। लेकिन, भाजपा ने अपर्णा यादव को टिकट नहीं दिया है। उनकी जगह भाजपा ने बृजेश पाठक पर अपना दांव खेला है। 

बेटे के लिए नहीं ला पाई टिकट

उसी तरह लखनऊ पूर्व से पार्टी की वरिष्ठ नेता रीता बहुगुणा जोशी ने अपने बेटे के लिए टिकट की मांग की थी, लेकिन उन्हें भी पार्टी की तरफ से निराशा मिली है। बेटे के लिए वह सांसद के पद से इस्तीफा तक देने को तैयार थी। लेकिन उनकी बलिदानी की बात पार्टी को पसंद नहीं आई। पार्टी ने रीता बहुगुणा के बेटे की जगह आशुतोष टंडन गोपाल को मौका दिया है।

पति -पत्नी दोनों का टिकट कटा

सबसे ज्यादा चर्चा लखनऊ के सरोजनी नगर सीट की हो रही है। यहां पार्टी ने मौजूदा विधायक व योगी सरकार में मंत्री रह चुकी स्वाति सिंह का ही टिकट काट दिया है। चर्चा थी स्वाति सिंह की जगह उनके पति दयाशंकर सिंह को टिकट मिलेगा। लेकिन पति-पत्नी दोनों को निराश होना पड़ा है। पार्टी ने उनकी जगह एक ऐसे व्यक्ति को चुना है, जो खुद प्रशासनिक सेवा का बड़ा अधिकारी रह चुका है। 

तीन दिन पहले मिला वीआरएस

स्वाति सिंह की जगह सरोजनी नगर से पूर्व ईडी अफसर राजेश्वर सिंह को मैदान में उतारा गया है। राजेश्वर सिंह को तीन दिन पहले ही वीआरएस की अनुमति मिली थी। इसके बाद उन्होंने भाजपा ज्वाइन की और टिकट मिल गया है। कानपुर के पूर्व पुलिस आयुक्त असीम अरुण के बाद राजेश्वर सिंह दूसरे अफसर हैं जिसे बीजेपी ने टिकट दिया है। असीम अरुण को कुछ दिन पहले कन्नौज (सदर) सीट से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है।

राजेश्वर सिंह बड़े नौकरशाही परिवार से हैं और खुद 1996 बैच के प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) अधिकारी हैं। उन्होंने 2007 में ईडी में प्रतिनियुक्ति ली थी। उन्होंने यूपी पुलिस में 10 साल और ईडी में लगभग 14 साल तक सेवा की। वह जबरन वसूली रैकेट में शामिल कई अपराध सिंडिकेट का भंडाफोड़ करने के लिए जाना जाता था। 

कई बड़े घोटालों की कर चुके हैं जांच

ईडी में उन्होंने एयरसेल-मैक्सिस सौदा घोटाला, अगस्ता-वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा, अमरपाली घोटाला, गोमती रिवर फ्रंट घोटाला जैसे महत्वपूर्ण मामलों को संभाला। इस दौरान उन्होंने अपराधियों की 4000 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की। उनकी पत्नी लक्ष्मी सिंह आईपीएस अधिकारी हैं और लखनऊ रेंज में आईजी के पद पर तैनात हैं।


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