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स्मार्टफोन वीवो के बिहार सहित 40 ठिकानों पर ED की छापेमारी, जानिए कंपनी पर क्यों लगा 500 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

स्मार्टफोन वीवो के बिहार सहित 40 ठिकानों पर ED की छापेमारी, जानिए कंपनी पर क्यों लगा 500 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

DESK. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी वीवो और उससे जुड़ी फर्मों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ED ने कंपनी के उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और दक्षिण भारत के राज्यों में स्थित 44 ठिकानों पर छापेमारी की है। एजेंसी की ओर से यह कार्रवाई वीवो और उससे संबंधित कंपनियों और सहायक कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने के बाद की है।

बता दें कि पिछले साल दिसंबर में भी आयकर विभाग ने वीवो और अन्य चीनी मोबाइल फोन निर्माताओं के परिसरों पर छापेमारी की थी। आयकर विभाग ने आरोप लगाया था कि कंपनियों ने 500 करोड़ रुपये से अधिक की आय की गलत घोषणा की थी। इसके अलावा आरोप था कपंनियों की ओर से रॉयल्टी के नाम पर पैसों की हेराफेरी की जा रही है। उसके बाद से ही वीवो और उससे जुड़ी कंपनियां ED के निशाने पर आ गई थी।

दरअसल, मई 2021 में वैश्विक टेलीकम्युनिकेशन उपकरण और सिस्टम कंपनी ZTE कॉर्पोरेशन और वीवो मोबाइल कम्युनिकेशंस कंपनी की स्थानीय इकाइयों को कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए जांच का सामना करना पड़ा था। उस दौरान वीवो का गुरुग्राम स्थित HSBC बैंक का खाता अटैच कर SGST विभाग ने करीब 220 करोड़ रुपये की वसूली की थी। इसी तरह अगस्त 2021 में ZTE के गुड़गांव स्थित कॉर्पोरेट कार्यालयों में छापेमारी की गई थी।

ED की इस छापेमारी से जुड़े मामले का अभी पूरी तरह खुलासा नहीं हो सकता है, लेकिन 2020 में मेरठ पुलिस ने कंपनी के खिलाफ एक ही इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (IMEI) नंबर से देश में लगभग 13,500 फोन संचालित करने के आरोप में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। बता दें कि 15 अंकीय IMEI नंबर का इस्तेमाल व्यक्तिगत रूप से स्मार्टफ़ोन की पहचान करने के लिए किया जाता है।

इस मामले में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने 2017 में एक अधिसूचना जारी कर सभी स्मार्टफोन्स कंपनियों को प्रत्येक फोन के लिए अलग IMEI रखने का निर्देश दिया था। ऐसा नहीं करने पर दोषी को तीन साल की जेल का प्रावधान किया था।


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