PATNA : मनी लाॅन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किए गए पाटलिपुत्र बिल्डर लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार को पांच दिन के रिमांड पर भेज दिया है। उनके साथ पूर्व रेलवे के सीनियर इंजीनियर चंदेश्वर प्रसाद यादव के लिए ईडी ने रिमांड की मांग की थी। जिसे स्वीकार करते हुए मनी लांड्रिंग एक्ट के विशेष न्यायाधीश और जिला जज सुनील दत्त मिश्रा की अदालत ने दोनों पांच दिनों की रिमांड पर पूछताछ के लिए सौंपने का आदेश दिया।
बिल्डर पर 12 करोड़ से ज्यादा की अवैध कमाई का आरोप
अनिल कुमार को ईडी ने गिरफ्तार करने के बाद 8 सितंबर को विशेष अदालत में पेश किया था, जहां से न्यायिक हिरासत में लेने के बाद उसे फुलवारी जेल भेज दिया गया था। अनिल के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, रंगदारी, आर्म्स एक्ट, हत्या के प्रयास के करीब एक दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनपर अवैध तरीके से करीब 12 करोड़ 61 लाख से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति अर्जित करने का भी आराेप है।
उधर, रेलवे के इंजीनियर चंदेश्वर प्रसाद यादव काे भी ईडी ने गिरफ्तार करने के बाद 8 सितंबर को विशेष अदालत में पेश किया था, जहां से न्यायिक हिरासत में लेने के बाद फुलवारी जेल भेज दिया था। आरोप है कि रेलवे के स्क्रैप बैगन का पुराना हिस्सा व धोबी घाट जमालपुर के साइटिंग में रखे स्क्रैप को मोटी रकम लेकर महारानी स्टील को कम दाम में देकर रेलवे को लगभग 34 करोड़ की चपत लगाई। उक्त स्क्रैप के कस्टोडियन तत्कालीन इंजीनियर सीपी यादव ही थे।
बता दें कि बीते छह सितंबर को बिहार की राजधानी पटना के जाने माने बिल्डर और पाटलिपुत्र ग्रुप कंपनी के मालिक अनिल कुमार सिंह (Anil Kumar Singh) को ईडी ने गिरफ्तार को गिरफ्तार किया गया था। बताया गया कि
जाने-माने बिल्डर अनिल कुमार सिंह के खिलाफ 2014 में पीएमएलए यानी कि प्रोविजन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज किया था. जिसकी जांच चल रही थी. वहीं पाटलिपुत्र ग्रुप ऑफ कंपनी के मालिक और बिल्डर अनिल कुमार सिंह के खिलाफ राजधानी पटना के गांधी मैदान, कोतवाली समेत कई थानों में मामले दर्ज हैं. ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि अनिल कुमार सिंह के द्वारा ब्लैक मनी का काफी रोटेशन किया गया है.