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शिक्षा विभाग ने पटना DM को दिया करारा जवाब- आपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर धारा 144 का इस्तेमाल किया, जवाब दीजिए....

शिक्षा विभाग ने पटना DM को दिया करारा जवाब- आपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर धारा 144 का इस्तेमाल किया, जवाब दीजिए....

PATNA : स्कूलों में छुट्टियों को लेकर पटना जिला प्रशासन और बिहार शिक्षा विभाग की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है। जहां आज पटना डीएम ने शीतलहर और अधिक ठंड का हवाला देकर कक्षा आठवी तक के सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में 25 जनवरी तक आईपीसी 1973 की धारा-144 के तहत छुट्टी की घोषणा कर दी है। वहीं दूसरी तरफ बिहार शिक्षा विभाग ने पटना डीएम के इस आदेश को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। बिहार  शिक्षा विभाग की तरफ से पटना डीएम को आज तीन पन्नों का एक लेटर भेजा है। जिसमें सीधे सीधे उन्होंने पटना डीएम पर बिना परमिशन के  पटना शिक्षा विभाग के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने एक एक कर पांच बिंदूओं के तहत छुट्टियां दिए जाने को गलत बता दिया है।

शिक्षा विभाग ने पटना डीएम से पूछा है कि आपने अपने आदेश में पटना जिले में शीतलहर के कारण बच्चों के स्वास्थ्य एवं जीवन के खतरे का उल्लेख किया है। इस प्रकार का निष्कर्ष पर पहुंचने का आपका निर्णय किन परिस्थितियों पर आधारित है, इसका उल्लेख न तो निर्गत आदेश में है और न ही इसकी जानकारी विभाग को दी गई है, किन्तु विभाग का यह मानना है कि यदि धारा-144 लगानी चाहिए तो सामाजिक जीवन के सभी अवयवों पर समान रूप यह लागू होना चाहिए। आपके उक्त आदेश के आलोक में यदि विभाग माननीय उच्च न्यायालय में इस आदेश को चुनौती दे तो निम्नांकित बिन्दुओं पर आपको स्पष्टीकरण देना पड़ सकता है :

वृद्ध और बीमार की जिंदगी खतरे में क्यों नहीं

क- शीतलहर में केवल बच्चों का स्वास्थ्य और जीवन ही खतरे में पड़ता है और वृद्धों एवं बीमार लोगों का जीवन खतरे में नहीं पड़ता है ऐसा किस आधार पर आपके द्वारा माना गया है।

स्कूलों में छुट्टी तो मॉल पार्क में बच्चे क्यों दिखते हैं

विद्यालय के अलावे व्यापारिक प्रतिष्ठानों, दुकानों, सिनेमा गृहों, मॉल, पार्क इत्यादि को बन्द करना तो दूर, उनके समयावधि में भी कोई बदलाव आपके द्वारा नहीं किया गया है।

धारा-144 लगाने के बावजूद जगह-जगह पर बच्चें आते-जाते दिख जाते हैं। अतः इतने व्यापक पैमाने पर धारा-144 को enforce करने के लिए आपके द्वारा क्या तैयारी की गई थी। क्योंकि, यह नहीं माना जा सकता है कि बच्चे केवल विद्यालय जाने पर बीमार होंगे एवं अन्य स्थानों में (यथा बाजार, मॉल, पार्क इत्यादि) जाने पर बीमार नहीं होंगे। 

अतः उदाहरणार्थ यह पूछा जा सकता है कि आपने अपने धारा-144 के आदेश में यह उल्लेख क्यों नहीं किया कि 12 वर्ष से कम आयु का कोई बच्चा घर से ही बाहर नहीं निकलेगा। संभवतः वैसा आदेश बेहतर होता, क्योंकि केवल विद्यालय बन्द कर देने से क्या बच्चे सुरक्षित माने जा सकते हैं ?

मिशन दक्ष को क्यों किया अलग

यह भी पूछा जा सकता है कि मिशन दक्ष एवं बोर्ड परीक्षा हेतु विशेष कक्षाओं के संचालन को किस आधार पर आपने मुक्त किया। आपके उपरोक्त आदेशों में आपसी विरोधाभास है। क्योंकि एक तरफ आपने कक्षा-8 तक की शैक्षणिक गतिविधियों पर रोक लगाई है, किन्तु मिशन दक्ष को जारी रखा है। उल्लेखनीय है कि मिशन दक्ष भी कक्षा-3 से कक्षा-8 तक के बच्चों पर लागू होता है।

क्या  मौसम विभाग से पूछकर की स्कूलों में छुट्टी

यह भी स्पष्ट करना चाहेंगे कि इस तरह का आदेश, जो आपने दिनांक-08.01. 2024 से कई चरणों में निकाला है, के पूर्व आपने किन सूचनाओं को प्राप्त कर यह तय किया कि शीतलहर के कारण विद्यालय बन्द किया जाना चाहिए। मौसम विभाग अथवा अन्य स्रोतों से क्या जानकारी ली गई। कितने आंकड़ों एवं Temperature Chart को प्राप्त कर अध्ययन किया गया? दिनांक-08.01.2024 के बाद से इन आंकड़ों की किस प्रकार समीक्षा की गई, जिसके आधार पर आपने इस आदेश को निकाला।

आपसे ऐसे आदेश की उम्मीद नहीं

शिक्षा विभाग ने लिखा कि अतः उपरोक्त कारणों से स्पष्ट है कि आपका उपरोक्त आदेश न्यायिक समीक्षा पर बिल्कुल भी खरा नहीं उतरेगा। चूंकि यह सरकार के दो विभिन्न अंगों का आपसी मामला है, इसलिए शिक्षा विभाग आपके इस आदेश को माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती नहीं दे रहा है। लेकिन आपसे यह आशा नहीं की जाती थी कि शिक्षा विभाग के स्पष्ट आदेश के बावजूद, बिना शिक्षा विभाग के अनुमति के, आप विद्यालय बन्द करेंगे।

धारा 144 का किया गलत इस्तेमाल

. आपने अपने ज्ञापांक-1042, दिनांक-22.01.24 में क्षेत्राधिकार का उल्लेख किया है। इस संबंध में कहना है कि क्षेत्राधिकार का उल्लंघन विभाग ने नहीं किया है अपितु आपने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर धारा-144 के तहत पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण आदेश पारित किया है। सरकारी प्रतिष्ठान कब और किस प्रकार चलेंगे, उसके लिए जब एक Regulatory Mechanism उपलब्ध है, तब वहां CrPC की धारा-144 लगाना सर्वथा अनुचित है और यह आपके द्वारा शिक्षा विभाग के क्षेत्राधिकार में हस्तक्षेप है।

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