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शिक्षा विभाग के ‘काबिल’ अधिकारी के एक पत्र से मच गया बवाल, नीतीश सरकार की फजीहत

शिक्षा विभाग के ‘काबिल’ अधिकारी के एक पत्र से मच गया बवाल, नीतीश सरकार की फजीहत

PATNA : शिक्षा विभाग के एक काबिल आईएएस अधिकारी राज्य परियोजना निदेशक संजय कुमार सिंह के एक पत्र से पूरे बिहार के शिक्षा महकमा में बवाल मच गया है।अधिकारी के पत्र के बाद खलबली मची है।अधिकारी से लेकर शिक्षक तक अलग-अलग अर्थ लगाने में जुटे हैं। वहीं विपक्षी नेताओं को पत्र के बहाने नीतीश सरकार पर हमला बोलने का एक और मौका मिल गया है।

क्या है मामला

दरअसल बिहार के शिक्षा विभाग के राज्य परियोजना निदेशक ने अपने 3 जनवरी के पत्र में सभी डीईओ को पत्र लिखकर यह निर्देश दिया है कि शिक्षकों के लिए समग्र शिक्षा अंतर्गत प्राप्त GEN मद और SC मद की राशि निर्गत की गई है। SC  मद की राशि से sc कैटेगरी के शिक्षकों के वेतन भुगतान करना होगा।वही GEN मद की राशि से बाकी के शिक्षकों का वेतन भुगतना होगा। पत्र में SC और GEN शब्द के प्रयोग के बाद से ही विवाद शुरू हो गया है।जिलों के अधिकारी   अपने वरीय अधिकारी के पत्र मिलने के बाद SC-ST  शिक्षकों को चिन्हित करने के लिए पत्र भी जारी कर दी है।

सीतामढी डीईओ ने एससी-एसटी शिक्षकों की मांगी सूची

पत्र मिलने के बाद सीतामढी के डीईओ ने एक कदम और आगे बढते हुए एससी-एसटी शिक्षकों की सूची उपलब्ध कराने का आदेश अपने बीईओ को जारी कर दिया। राज्य परियोजना निदेशक के पत्र के आलोक में सीतामढी के डीईओ ने अपने आदेश में लिखा है कि SC- ST कोटि के नियमित शिक्षकों एवं नियोजित शिक्षकों के SSA मद का अलग आवंटन प्राप्त हुआ है।लिहाजा सभी बीईओ एससी- एसटी कोटि के शिक्षकों की सूची उपलब्ध करायें ताकि उनका वेतन भुगतान किया जा सके।

राज्य परियोजना निदेशक के पत्र के बाद राजनीति भी शुरू हो गयी।शिक्षक संघों ने शिक्षकों को जातीय आधार पर विभाजन करने का आरोप लगा दिया।परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के अध्यक्ष आनंद मिश्रा ने  अधिकारी के इस पत्र पर विरोध जताते हुए  नीतीश सरकार  पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि  शिक्षकों को GEN और SC- ST कोटि में विभाजित कर एकता तोड़ने की कोशिश की जा रही है।

माध्यमिक शिक्षक संघ की पड़ताल में आयी हकीकत

हालांकि माध्यमिक शिक्षक संघ ने स्पष्ट किया है कि पत्र मे जो SC हेड लिखा है उसका अर्थ ‘स्टेट कंटीजेंसी’ हेड होता है ना कि SC कोटि के शिक्षक होते हैं। जहां तक पत्र में जो GEN लिखा है उससे GEN हेड होता है ।लेकिन पत्र मे GEN और SC का फुल फार्म नहीं लिखे होने की वजह से गलत अर्थ निकाला गया है।माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता अभिषेक कुमार ने कहा कि जब यह मामला सामने आया तो उनलोगों ने इसकी पड़ताल की।इसके बाद GEN और SC पर यह हकीकत सामने आयी है। सिर्फ कंप्यूजन की वजह से कुछ जिलों के अधिकारियों ने बिना समझे-बुझे एससी कोटि के शिक्षकों की सूची भी मांग दी है।जो पूरी तरह से गलत है।

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