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बिहार विप में घिर गये शिक्षा मंत्री, जांच के नाम पर अनुदान रोकने को लेकर सत्ता पक्ष-विपक्ष ने दागे सवाल

बिहार विप में घिर गये शिक्षा मंत्री, जांच के नाम पर अनुदान रोकने को लेकर सत्ता पक्ष-विपक्ष ने दागे सवाल

PATNA: बिहार विधान परिषद में आज वित्तरहित कॉलेज के शिक्षकों के बकाये मानदेय भुगतान को लेकर सरकार की घेराबंदी हुई। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने कहा कि यह कैसी व्यवस्था है कि जांच के नाम पर सालों से मानदेय की राशि को लटका कर रखा गया है। आखिर ये जांच बार-बार क्यों हो रही और जांच कब खत्म होगी? विधान पार्षदों ने विप में सवाल उठाया कि तत्काल सरकार अनुदान देने पर लगी रोक को हटाये.

सत्ता पक्ष-विपक्ष ने सरकार को घेरा

बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि अजीब स्थिति है। जांच के बाद अनुदान देने का प्रावधान शुरू किया गया। लेकिन जांच के नाम पर फिर से मामले को अटका दिया गया। शिक्षक भूखे मर रहे हैं और सरकार बेहतर शिक्षा देने की बात कर रही। यह तो वही स्थिति हो गई कि हाथ-पांव बांध कर गांधी मैदान में दौड़ने को कहा जाये।इस पर सरकार की तरफ से जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि सरकार की मंशा अनुदान रोकने की नहीं है। सरकार गड़बड़ी की जांच कर रही है न कि शिक्षकों को परेशान करने के लिए। अगर कोई अधिकारी अनुदानित शिक्षकों और कर्मियों को बेवजह परेशान करेगी तो यह बर्दाश्त नहीं करेंगे। मंत्री ने साफ किया कि अधिकारियों को बहाना बनाने की इजाजत नहीं मिलेगी।

मंत्री के जवाब से सदस्य संतुष्ट नहीं

शिक्षा मंत्री ने सदस्यों से कहा कि आप सभी लोग जांच  कैसे जल्दी से पूरी हो इसमें सहयोग करिये। कम से कम दिनों में जांच पूरी हो इस पर सबलोग सुझाव दीजिए,ताकि जांच कम समय में पूरी हो। हालांकि मंत्री के जवाब से सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य सहमत नहीं हुए और पूरक सवालों की झड़ी लगा दी।

पंचायत प्रतिनिधियों के बकाये भुगतान का उठा मुद्दा

त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का बकाया मानदेय भुगतना नहीं होने का मसला विधान परिषद में उठा। कांग्रेस एमएलसी मदनमोहन झा ने यह मामला उठाया। उन्होंने सदन में सवाल पूछा कि पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय का भुगतान नहीं हो रहा है। वहीं राजद के सुबोध राय ने भी सवाल उठाया कि सरकार पैसा तो जिलों में भेज देती है लेकिन वहां के अधिकारी बिना चढ़ावा दिये भुगतान नहीं किया जाता।बीजेपी एमएलसी रजनीश कुमार ने भी चिंता व्यक्त की।

जन प्रतिनिधियों का मानदेय लटकाकर रखते हैं अफसर

सरकार की तरफ से पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि पंचायत प्रतिनिधियों का बकाया भुगतान के लिए राशि भेज दी गई है। इस वित्तीय वर्ष में भी 227 करोड़ से अधिक की राशि जिलों को भेजी गई है। जिला से सभी पंचायत प्रतिनिधियों के खाते में राशि भेजी जाती है। इस पर सदस्यों ने आपत्ति जताई और कहा कि जिलों में राशि भेजे जाने के बाद भी भुगतान लंबित है। इस पर मंत्री ने कहा कि इस मामले को दिखवा लेंगे।

पंचायत प्रतिनिधियों को नहीं मिलेगा पेंशन

वहीं पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय भुगतान के लिए सरकार तत्पर है। हालांकि उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को अभी तक पेंशन देने का कोई प्रस्ताव विभाग में लंबित नहीं है। 

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