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सुशासन राज में वैध-अवैध कमाई का खुला खेल.....निगरानी ने अधिकारी के खिलाफ 2015 में दर्ज किया था केस , अब मिली राहत

सुशासन राज में वैध-अवैध कमाई का खुला खेल.....निगरानी ने अधिकारी के खिलाफ 2015 में दर्ज किया था केस , अब मिली राहत

PATNA: बिहार सरकार की जांच एजेंसी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पूरी तरह से लापरवाही बरत रही है. निगरानी की लापरवाही से आरोपित अधिकारी साफ बच जा रहे. भ्रष्टाचार- गड़बडी के केस में निगरानी की चुप्पी पर अब गंभीर सवाल खड़े होने लगे हैं, क्यों कि इसी चुप्पी को आधार बनाते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने एक आरोपित अधिकारी के खिलाफ चल रहे मामले को खत्म करने का निर्णय लिया है. सरकार ने 23 दिसंबर को ही यह आदेश जारी किया है. 

निगरानी ने अधिकारी के खिलाफ 2015 में दर्ज किया था केस  

सामान्य प्रशासन विभाग ने 23 दिसंबर को पत्र जारी किया है. बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शैलेश कुमार के खिलाफ जो आरोप थे उसे खत्म करने का निर्णय लिया गया है. शैलेश कुमार वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग में उपसचिव के पद पर पदस्थापित हैं.मामला 2015 का है. बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शैलेश कुमार दरभंगा के हनुमान नगर में बीडीओ के पद पर कार्यरत थे, इसी दौरान योजनाओं में गड़बड़ी पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने 19 जनवरी 2015 को केस दर्ज किया था. ग्रामीण विकास विभाग ने 12 सितंबर 2016 को जांच प्रतिवेदन सामान्य प्रशासन विभाग को उपलब्ध कराते हुए उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने की सिफारिश की थी. 

बार-बार जांच रिपोर्ट मांगने के बाद भी निगरानी ने नहीं दी जानकारी 

ग्रामीण विकास विभाग की अनुशंसा के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक से केस में शैलेश कुमार की संलिप्तता पर रिपोर्ट देने को कहा था. कई बार पत्र भेजे जाने के बाद निगरानी ने जानकारी दी, कांड संख्या 8/ 2015 के अभियुक्त शैलेश कुमार के खिलाफ केस अनुसंधान में है. अनुसंधान में जो बातें आएँगी उससे अवगत कराया जाएगा. सामान्य प्रशासन के पत्र में आगे लिखा गया है कि एक बार फिर से निगरानी से अनुसंधान प्रतिवेदन की मांग की गई जो अब तक नहीं दिया गया. इसके बाद पूरे मामले की समीक्षा की गई. समीक्षा में पाया गया कि यह मामला 8 वर्षों से लंबित है. निगरानी से बार-बार जांच रिपोर्ट मांगी जा रही है. जिसमें उनके द्वारा कहा जा रहा है कि कांड अनुसंधान में है. ग्रामीण विकास विभाग ने भी अपने मंतव्य में कहा है कि शैलेश कुमार के खिलाफ आरोप संख्या 1 से लेकर 4 हैं उसमें उन्होंने जो स्पष्टीकरण दिया है वह स्वीकार करने योग्य है. साथ ही आरोप संख्या 5 से 8 के स्पष्टीकरण को जिला पदाधिकारी ने स्वीकार्य योग्य बताया है. ऐसे में तमाम आरोपों को संचिकास्त किया जाता है. सरकार के विशेष सचिव किशोर कुमार प्रसाद की तरफ से संकल्प जारी कर दिया गया है.



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