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कोरोना-ओमिक्रोन का असर यूपी चुनाव पर, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री और निर्वाचन आयोग से की यह बड़ी अपील

कोरोना-ओमिक्रोन का असर यूपी चुनाव पर, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री और निर्वाचन आयोग से की यह बड़ी अपील

PRAYAGRAJ : देश में कोरोना के साथ अब ओमिक्रोन तेजी से पैर पसारने लगा है। कई राज्यों में महामारी के खतरे को देखते हुए नाइट कर्फ्यू के साथ दूसरे प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। वहीं अब इस महामारी का असर यूपी सहित पांच राज्यों में होनेवाले विधानसभा चुनावों पर भी पड़ता नजर आ रहा है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad high court ) ने कोविड-19 की तीसरी लहर की बढ़ती आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार और भारत निर्वाचन आयोग से चुनावी रैलियों पर रोक लगाने तथा चुनावों को टालने पर विचार करने का आग्रह किया है। 

यूपी हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने एक मामले में याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए कहा, कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के मरीजों की संख्या बढ़ रही है और तीसरी लहर आने की आशंका है. उन्होंने कहा कि इस भयावह महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, जर्मनी जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है। 

बंगाल चुनाव का दिया उदाहरण

हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि दूसरी लहर में हमने देखा कि लाखों की संख्या में लोग संक्रमित हुए और लोगों की मृत्यु हुई। अदालत ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव निकट है जिसके लिए सभी पार्टियां रैलियां, सभाएं आदि करके लाखों लोगों की भीड़ जुटा रही हैं जहां कोविड प्रोटाकॉल का पालन किसी रूप में संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे

चुनाव टालने की अपील

अदालत ने निर्वाचन आयुक्त से इस प्रकार की रैलियों, सभाओं पर तत्काल रोक लगाने और राजनीतिक दलों को चैनल और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार करने का आदेश देने का अनुरोध किया। अदालत ने कहा, यदि संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनावों को एक-दो महीने के लिए टाल दिया जाए।

जान है तो जहान है

 क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी और जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में मौलिक अधिकार के रूप में प्राप्त है। अदालत ने कोविड टीकाकरण अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए उनसे अनुरोध किया कि भयावह महामारी की स्थिति को देखते हुए कड़े कदम उठाएं और रैलियां, सभाएं रोकने एवं आसन्न चुनावों को टालने पर विचार करें क्योंकि जान है तो जहान है.


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