AURANGABAD, BETTIAH: देशभर में ईद-उल-फितर धूमधाम से मनाई जा रही है. हालांकि पिछले साल की तरह इस बार भी ईद-उल-फितर कोरोना की चपेट में है, फिर भी इस साल लोग ज्यादा सतर्क है. लोगों ने इस साल पहले से ही घरों में ईद मनाने की तैयारी कर ली है. लोगों का कहना है कि संक्रमण के इस वक्त में अपनों के साथ घर में ईद मनाना ही सही है.
औरंगाबाद के रफीगंज प्रखंड के कासमा स्थित जामा मस्जिद में कम अकीदतमंदों के साथ ईद की नमाज अदा की गई. सरकार द्वारा निर्देशित कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए अकीदतमंदो ने देश में अमन-चैन, खुशहाली और कोरोना से मुक्ति की परवरदिगार से कामना की. नमाज के पश्चात समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को ईद मुबारक की बधाई दी और गले मिले. जुम्मे के दिन ईद होने से लोगों में काफी उत्साह दिखा. इमाम कारी मंसूर ने इस मौके पर जिलेवासियों को शुभकामना देते हुए कहा इस कठिन परिस्थिति में लोग बढ़ चढ़कर एक दूसरे की मदद के लिए आगे आएं. अल्लाह रमज़ान की इबादतों के सदके और ईद की बरकतों के एवज़ हमारे मुल्क के हालात शीघ्र ही अच्छा करेंगे.
पश्चिम चंपारण ज़िले में भी ईद को लेकर खासा उत्साह नजर आ रहा है. छोटे से लेकर बड़ों तक के चेहरे खुशी से खिले हैं. हालांकि एक-दूसरे के घर जाकर मुबारकबाद ना देने का मलाल लोगों के मन में है. लोगों ने अल्लाह से कोरोना के खात्मे की दुआ मांगी जिससे सभी स्वस्थ और पहले जैसे रह सकें. बेतिया, नरकटियागंज, साठी और चनपटिया समेत मझौलिया नौतन और लौरिया देवराज में खासा माहौल मजर आया. वहीं मौलाना नुरुल होदा और शकील अहमद कासमी ने मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा घरों में ईद-उल-फितर की नमाज़ अदा करने और दुआएं खैर करने की दी जानकारी.