PATNA : बिहार में कोरोना के कहर के बीच ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन अस्पताल से गायब है। ऑक्सीजन के बिना अस्पताल जहाँ मरीजों को एडमिट करना बंद कर दिए हैं वहीं रेमडेसिविर सुई की कालाबाजारी हो रही है। एक-एक सुई ब्लैक मार्केट में 20-25 हजार में मिल रहा है। इस इंजेक्शन की किल्लत से लोग परेशान हैं। इस परेशानी को कम करने के लिए बिहार के 2 नेताओं ने केंद्रीय रसायन मंत्री से बात की। स्वास्थ्य मंत्री की हैसियत से मंगल पांडेय ने रसायन एवं उर्वरक मंत्री से बात की वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने भी केंद्रीय मंत्री से बात की। लेकिन दोनों के बात में अंतर दिख गया। स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि भरोसा मिला है कि बिहार को रेमडेसिविर इंजेक्शन मिलेगा। वहीं सुशील मोदी तो कई कदम आगे बढ़कर यह दावा कर रहे कि सोमवार की देर रात तक बिहार को 2000 इंजेक्शन आपूर्ति होने की संभावना है।
स्वास्थ्य मंत्री को क्या मिला आश्वासन
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने ट्वीट कर केंद्रीय रसायन मंत्री से रेमडेसिविर इंजेक्शन के मसले पर बात होने और आश्वासन मिलने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस मसले पर केंद्रीय रसायन एवं उवर्रक मंत्री मनसुख लाल मांडविया से बात हुई है। मंत्री ने भी रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर भरोसा दिलाया है कि बिहार को इंजेक्शन उपलब्ध कराया जायेगा।
सुशील मोदी का दावा-सोमवार देर रात तक ही 2000 इंजेक्शन मिलेंगे
सुशील मोदी ने उन्ही से यानि केंद्रीय रसायन मंत्री से ही बात की। बात करने के बाद सुशील मोदी की तरफ से दावा किया गया कि हमारे आग्रह पर रेमडेसिविर इंजेक्शन के प्रत्यक्ष उत्पादन से जुड़े रसायन व उर्वरक मंत्रालय के मंत्री मनसुख भाई मावडिया ने आश्वस्त किया कि कोविड मरीजों को दिए जाने वाले इंजेक्शन रेमडेसिविर का कोटा बिहार के लिए बढ़ाया जायेगा। इस सम्बन्ध में मोदी ने केन्द्रीय मंत्री से सोमवार को दूरभाष पर बातचीत की। मोदी ने बताया कि बिहार को शनिवार को जहां रेमडेसिविर के मात्र 400 वायल की आपूर्ति की गई थी वहीं रविवार को आपूर्ति शून्य रही, जबकि बातचीत के बाद सोमवार की देर रात तक बिहार को दो हजार वायल की आपूर्ति की संभावना है। मोदी ने कहा रेमडेसिविर की किल्लत व मनमानी कीमत पर नियंत्रण के लिए ही हाल ही में केन्द्र सरकार ने जहां इसके निर्यात पर रोक लगा दी है वहीं इसके मूल्य में भी भारी कटौती करते हुए सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। पहले दौर के कोरोना संक्रमण के थमने के बाद फार्मा कम्पनियों ने रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन घटा कर करीब 10 प्रतिशत कर दिया था। इसकी वजह से जब दूसरे दौर का संक्रमण काफी तेजी से बढ़ा तो बिहार सहित देश के अन्य हिस्सों में इस इंजेक्शन की किल्लत हो गई तथा दवा कम्पनियां इसकी मनमानी कीमत वसूलने लगी थी।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि केन्द्र की पहल के बाद फिलहाल प्रतिदिन 1.5 लाख वायल का उत्पादन हो रहा है, जिसे अगले 10 दिन के अंदर बढ़ा कर 3 लाख वायल प्रतिदिन कर दिया जायेगा। श्री मोदी ने डाक्टरों से अपील की है कि वे कोविड के गंभीर मरीजों के लिए ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की अनुशंसा करें।
पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट