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यूपी के आज थमेगा छठे चरण का चुनाव प्रचार, योगी आदित्यनाथ सहित कई दिग्ज्जों की किस्मत का होगा फैसला

यूपी के आज थमेगा छठे चरण का चुनाव प्रचार, योगी आदित्यनाथ सहित कई दिग्ज्जों की किस्मत का होगा फैसला

लखनऊ. योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा को उत्तर प्रदेश के पुर्वाचल में बड़ी उम्मीद है. इस इलाके की कई प्रमुख सीटों पर 3 मार्च को मतदान होगा. विधानसभा चुनाव  अब अपने आखिरी पड़ाव की तरफ बढ़ चला है। छठे चरण के लिए चुनाव शोर मंगलवार शाम 6 बजे थम जाएगा और 3 मार्च को वोटिंग होगी। छठे चरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। योगी ने मंगलवार को महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा अर्चना के साथ दिन की शुरुआती की. 

पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सदर सीट से मैदान में हैं। 31 सालों से यह सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ रहा है। इस सीट पर योगी आदित्यनाथ को नए चेहरे चुनौती दे रहे हैं। सपा ने पूर्व बीजेपी उपाध्यक्ष स्वर्गीय उपेंद्र दत्त शुक्ला की पत्नी सुभावती शुक्ल को मैदान में उतारा है। आजाद समाज पार्टी से चंद्रशेखर जाद मैदान में हैं। वहीं बसपा ने ख्वाजा शम्सुद्दीन तो कांग्रेस ने चेतना पांडे को मैदान में उतारा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ खड़े सभी उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।

छठे चरण में कई नेता ऐसे हैं जो कई सालों से अपने क्षेत्र से जीतते रहे हैं। इतना ही नहीं 2017 में बीजेपी की आंधी में भी वे अपना गढ़ बचाने में कामयाब रहे। माता प्रसाद पांडे जिन्हें इटवा से सतीश चंद्र द्विवेदी ने हराया था, उनकी भी प्रतिष्ठा दांव पर है. इसके अलावा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य इस बार पडरौना की जगह फाजिलनगर से मैदान में हैं। इसके पहले वह दो बार 2012 व 2017 में पडरौना सीट से विधायक चुने गए। अगर फाजिलनगर सीट की बात करें तो यह सीट 2012 और 2017 में बीजेपी का कब्जा रहा है। इस बार स्वामी प्रसाद मौर्य के मैदान में उतरने से यह सीट हाई प्रोफाइल हो गई है। साथ ही स्वामी प्रसाद की प्रतिष्ठा भी दांव पर है कि वह यह सीट सपा की झोली में डालें। 

सोहरतगढ़ की इटावा विधानसभा सीट भी सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी है। इस सीट से सपा के माता प्रसाद पांडेय वर्ष 2002 से 2012 तक लगातार तीन बार जीते, लेकिन वर्ष 2017 में वह हार गए। माता प्रसाद पांडेय इस बार फिर सपा से और सतीश चंद्र द्विवेदी बीजेपी से मैदान में हैं। इसके अलावा अंबेडकरनगर की तीन सीटें भी काफी महत्वपूर्ण है। कटेहरी सीट बसपा का गढ़ माना जाता है। पिछली बार इस सीट से लालजी वर्मा जीते थे, लेकिन वह इस बार सपा के टिकट पर मैदान में हैं। इसके अलावा जलालपुर सीट से राकेश पांडे, अकबरपुर सीट से रामचल राजभर की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। 


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