PATNA : राज्य के सरकारी कर्मियों के लिए अब चुनावी ड्यूटी से कन्नी काटना आसान नहीं होगा। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे प्रशासन ने यह साफ कर दिया है कि हर सरकारी कर्मचारी को चुनाव ड्यूटी के लिए अपनी सहमति देनी होगी। ऐसा नहीं करने वाले सरकारी कर्मचारियों को फरवरी माह का वेतन नहीं मिलेगा।
पटना जिला प्रशासन में यह स्पष्ट कर दिया है कि हर सरकारी कर्मचारी के लिए चुनावी ड्यूटी करना अनिवार्य होगा। पटना जिले के अंदर चुनाव कार्य के लिए 40 हजार कर्मियों की सूची तैयार की जा रही है। इसके लिए जिले के सभी कार्यालयों में कार्यरत लगभग 13 सौ कर्मियों की सूची मंगाई गई है। जिला प्रशासन फरवरी के अंतिम हफ्ते तक सूची बनाने का काम पूरा कर लेगा। सरकारी कर्मियों के इस सहमति के बाद ही कि वह चुनाव ड्यूटी में शामिल होंगे उनका नाम वेतन भुगतान के लिए ट्रेजरी शाखा में भेजा जाएगा।
हालांकि चुनावी ड्यूटी से वैसे कर्मियों को दूर रखा जाएगा जिनकी सेवा मई महीने तक ही है। वैसे सरकारी सेवक जो मई महीने में सेवानिवृत्त होने वाले हैं उन्हें चुनावी ड्यूटी से छूट मिलेगी। जिला प्रशासन ने यह भी तय किया है कि सरकारी कर्मचारियों को किसी भी हालत में उनके आवासीय या कार्यालय क्षेत्र में चुनावी ड्यूटी नहीं दी जाएगी। आपको बता दें कि चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन अपनी तैयारियों को अंतिम रुप देना शुरू कर दिया है।