BEGUSARAI : अपने एक दिवसीय कार्यक्रम के तहत बेगूसराय पहुंचे राजनीति के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लालू एवं नीतीश दोनों पर हमला बोलते हुए कहा कि लालू के राज में अपराधियों का बोलबाला था। वहीं नीतीश के राज में अफसरशाही चरम पर है। लालू के राज में अपराधी लोगों की हजामत कर रहे थे और नीतीश के राज में अफसर लोगों की हजामत बना रहे थे। अब दोनों का एक बार फिर से गठबंधन हो गया है। इससे अब सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब दोनों एक साथ हैं तो दाढी के साथ साथ बालों की भी हजामत होनी तय है।
वहीं उन्होंने कहा कि बिहार में सत्ता परिवर्तन होने से केंद्र स्तर पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ सकता। क्योंकि देखा जाए तो बिहार में एनडीए की सरकार थी तो यहां महागठबंधन की सरकार आ गई। महाराष्ट्र में महागठबंधन की सरकार थी तो वहां एनडीए की सरकार आ गई। नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना के संबंध में प्रशांत किशोर ने कहा की यह किसी व्यक्ति विशेष की सोच नहीं थी। बल्कि उस वक्त बिहार की जनता के बीच सर्वे कराकर और जनता की समस्याओं को देखते हुए सात निश्चय योजना की शुरुआत की गई थी। लेकिन धरातल पर अभी भी कुछ नजर नहीं आ रहा। सीधे शब्दों में उन्होंने ना तो एनडीए का और ना ही महागठबंधन का समर्थन किया है। लेकिन इतना जरूर कहा कि बिहार में सत्ता परिवर्तन की आवश्यकता है। इसलिए अब जनता को तय करना है कि बिहार की सत्ता ऐसे व्यक्ति के हाथ में दी जाए। जिससे बिहार का विकास संभव हो सके। उन्होंने इशारों ही इशारों में यह भी कह दिया कि सिर्फ दावों और वादों से कुछ नहीं होता। अन्य कई मुद्दों पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वे फिलहाल पुरे बिहार में घूम रहे हैं। लेकिन 2अक्टूबर को चम्पारण से वो एक अभियान शुरू कर रहे हैं। जिसमें वे पुरे बिहार में पदयात्रा करेंगे जो करीब साढ़े तीन हजार किलोमीटर होगा। इसके तहत हर गाँव हर पंचायत तक पहुंच जन जन से संपर्क कर बिहार की जनता का भाव लिया जाएगा। क्योंकि आने वाला चुनाव बिहार की दशा और दिशा परिवर्तित करने में अहम योगदान करेगा।
वहीँ भागलपुर में संवाददाताओं से संवाद के दौरान चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बिहार के सीएम दस लाख लोगों को नौकरी देकर दिखाए। वह अपने इस अभियान को वापस ले लेंगे और खुद जदयू का हाथ थामने से परहेज़ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा की जन सुराज की कल्पना को बिहार के जन - जन तक पहुंचाने के लिए आगामी दो अक्तूबर से यह पदयात्रा मोतिहारी गांधी आश्रम से शुरू होगी और वह एक से डेढ़ साल तक निरंतर करीब 3500 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। इस दौरान वह घर भी नहीं जाएंगे।
प्रशांत किशोर ने नई नवेली महागठबंधन सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार में केवल मंत्रियों का नेम प्लेट बदला है। बांकी सबकुछ पहले वाली स्थिति है। वहीं पिछले दिनों शिक्षक बहाली की मांग को लेकर अभ्यर्थियों पर हुए लाठी चार्ज की घटना पर प्रशांत किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहले ही कहा है कि किसी को एबीसीडी का ज्ञान नहीं है तो ऐसे में उन्होंने यह लाठी चार्ज करवाया है। प्रशांत किशोर की मानें तो बिहार के लोग जब तक एक साथ मिलकर अपने सोच को नहीं बदलेंगे। तब तक बिहार का विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जिसके अंदर बिहार को बदलने की क्षमता है वो साथ आ सकते हैं। वहीं प्रशांत किशोर ने पदयात्रा के बाद सबकी सहमति से एक साथ मिलकर विमर्श के पश्चात राजनीतिक पार्टी बनाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य गाँव के लोगों तक पहुंचना, जन सुराज के लिए लोगों को बताना है।
बेगूसराय से कृष्णा और भागलपुर से बालमुकुन्द की रिपोर्ट