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विद्युत कर्मी की करंट सेहुई मौत,गुस्साए परिजनों ने बिजली घर पर शव रखकर किया घेराव, अधिकारियों को ठहराया मौत का जिम्मेदार

विद्युत कर्मी की करंट सेहुई मौत,गुस्साए परिजनों ने बिजली घर पर शव रखकर किया घेराव, अधिकारियों को ठहराया मौत का जिम्मेदार

ALIGARH : जनपद अलीगढ़ के थाना बन्नादेवी क्षेत्र में विद्युत विभाग के लापरवाही के चलते एक विद्युत कर्मी की करंट से चिपक कर मौत होने का मामला सामने आया था। विद्युत कर्मी की बिजली के करंट से चिपक कर हुई मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने विद्युत विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को विद्युत कर्मी की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए लापरवाही का आरोप लगाया है। 

वहीं शव रखकर प्रदर्शन किए जाने की सूचना पर पुलिस ओर एसडीएम कोल मौके पर पहुंचे और गुस्साए परिजनों को कार्रवाई किए जाने का आश्वासन देते हुए मामले को शांत कराए जाने की कोशिश की। लेकिन विद्युत कर्मी की मौत से गुस्साए परिजन किसी की भी बात मानने को तैयार नहीं हुए। जिसके चलते पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मृतक विद्युत कर्मी की मौत के जिम्मेदार विद्युत कर्मियों के खिलाफ थाने पर अभियोग पंजीकृत करते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दी।

बताया जाता है कि थाना बन्नादेवी क्षेत्र के डूडा कॉलोनी निवासी जगदीश प्रसाद मृतक विद्युत विभाग में सहायक के तौर पर कार्य करता था। जबकि अधिकारियों ने ऑनलाइन शिकायत आने के बाद बिना शट डाउन के जगदीश प्रसाद को लाइन सही करने के लिए विद्युत पोल पर चढ़ा दिया।परिजनों का आरोप है कि ये कार्य लाइन मैन का होता है, लेकिन बावजूद इसके इसे पोल पर चढ़ा दिया गया। वहीं व्यक्ति को करंट लगा और वह खंबे से नीचे गिर गया।घटना के बाद आनन फानन में उसको एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने उसकी हालत को गंभीर देखते हुए मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया।लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। 

विद्युत कर्मी की बिजली के करंट से चिपक कर हुई मौत के बाद परिवार के लोगों ने मृतक के शव को एलमपुर बिजली घर के बाहर रखकर बिजली घर का घेराव करते हुए विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। बिजली घर पर मृतक विद्युत कर्मी के शव को रखकर परिजनों द्वारा किए जा रहे हंगामे की सूचना से बिजली विभाग के अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए तो वहीं सूचना मिलते ही बन्नादेवी की पुलिस ओर एसडीएम कोल मौके पर पहुंच गए। 

मौके पर पहुंचे एसडीम के द्वारा शव रखकर हंगामा कर रहे परिजनों को समझाने बुझाने का प्रयास करते हुए कार्रवाई किए जाने का आश्वासन भी दिया जाने लगा। लेकिन विद्युत कर्मी की मौत के बाद हंगामा कर रहे लोगों की शिकायत थी कि वह विधुत विभाग के अधिकारीयों के आने तक डेड बॉडी को रखकर यहीं धरने पर बैठे रहेंगे।

इस दौरान बातचीत में परिजनों ने पूरा मामला बताया और विद्युत कर्मी की मौत के लिए विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया गया। इसके साथ ही लोगों ने सरकारी एंबुलेस सेवा पर भी सवालिया निशान लगाए। 

एसडीएम कोल ने बताया कि शटडाउन की लापरवाही के चलते विद्युत कर्मी की मौत हुई है। जिसके चलते दोषी विद्युत कर्मियों के खिलाफ थाने पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वही मृतक के परिजनों को 7 लाख 50 हजार रुपए की धनराशि सहायता के रूप में दी जाएगी। ओर मृतक विद्युत कर्मी की जगह उसके परिवार के किसी एक सदस्य को संविदा कर्मी के तौर पर विधुत विभाग में नौकरी दिए जाने का आश्वासन दिया है।


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