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मोतिहारी में 6.90 करोड़ की लागत से हुआ तटबंध की मरम्मति का काम, पहली बारिश में ही खुल गयी पोल, पढ़िए पूरी खबर

मोतिहारी में 6.90 करोड़ की लागत से हुआ तटबंध की मरम्मति का काम, पहली बारिश में ही खुल गयी पोल, पढ़िए पूरी खबर

MOTIHARI : मोतिहारी में गंडक नदी के चंपारण तटबंध पर करोड़ो खर्चकर मिट्टी भराई का पहली ही बारिश में पोल खुल गया। एसडीओ, डीएसपी, कार्यपालक अभियंता, बीडीओ और सीओ सहित पदाधिकारियो के तटबंध निरीक्षण में एक दर्जन स्थलों पर बड़ा बड़ा रैन कट तो सबसे संवेदनशील स्थल पर तटबंध कमजोर पाया गया। एसडीओ द्वारा कार्यपालक अभियंता को त्वरित सभी रैनकट को दुरुस्त करने व कमजोर स्थल पर सैंड बैंग स्टॉक करने व भरने का निर्देश दिया गया। गंडक नदी के तटवर्ती क्षेत्रो में चर्चा का विषय बना हुआ है कि अभी पहली बारिश में ही करोड़ो के खर्च से तटबंध भराई टांय टांय फिस्स हो गयी तो पूरा बरसात व बाल्मीकिनगर बराज से अत्यधिक जल स्तर छोड़ने पर क्या स्थिति रहेगी। सरकार द्वारा तटबंध को सुरक्षित रखने व तटबंध के आसपास के क्षेत्र के लोगो के सृरक्षा को लेकर तटबंध पर मिट्टी भराई कर मजबूती के लिए सिंधुजा कंस्ट्रक्शन को 6 करोड़ 90 लाख का टेंडर दिया गया था। संवेदक व अधिकारियों के मिलीभगत से तटबंध का कार्य कितना गुणवत्तापूर्ण हुआ। इसका अंदाजा पहली बारिश के बाद तटबंध पर बने रैन कट को देखने से ही मिल रहा है। मोतिहारी जिला के अरेराज अनुमंडल के सरेया पंचायत से लेकर नवादा तक गंडक नदी के तटबंध पर करोड़ो खर्च के बाद भी पदाधिकारियो के निरीक्षण में स्थिति संतोषजनक नही पाया गया।


बताते चलें की अरेराज एसडीओ संजीव कुमार,डीएसपी रंजन कुमार,सीओ पवन झा, बीडीओ अमित पांडेय कार्यपालक अभियंता,एई व जेई द्वारा गंडक नदी के चंपारण तटबंध का निरीक्षण किया गया। तटबंध का हाल में ही 6 करोड़ 90 लाख की लागत से मरम्मति और मिट्टी भराई का कार्य किया गया है। अरेराज अनुमंडल के नवादा से लेकर सरेया पंचायत तक के तटबंध का निरीक्षण अधिकारियों द्वारा किया गया। पहली हल्की बारिश के बाद ही निरीक्षण में सरेया पंचायत के शनिचरी के पास कई स्थानों पर बड़ा बड़ा रैनकट पाया गया। वही महराजगंज के पास बांध कमजोर पाया गया। साथ ही बांध नीचे भी पाया गया। वही एसडीओ ने बताया की कार्यपालक अभियंता को त्वरित रैनकट का मरमत करने व तटबंध नीचे स्थल पर रहने वाले स्थान पर सैंड बैग रखने व स्टॉक करने का निर्देश दिया गया है। वही पीपरा में दो किलोमीटर तक तटबंध पर कार्य नही कराया गया है। जिसपर विशेष निगरानी रखने का भी निर्देश दिया गया। वही तटबंध पर अतिक्रमण कर झोपड़ीनुमा घर बनाये एक दर्जन लोगों का अतिक्रमण हटाया गया। साथ ही जल संसाधन विभाग को अतिक्रमण करने वाले स्थलों को खाली कराने का निर्देश दिया गया। हालाँकि गंडक नदी में अभीतक जलस्तर खतरे के निशान से काफी कम होने से कोई खतरा नही बताया जा रहा है।

गौरतलब है की अरेराज अनुमंडल के संग्रामपुर व अरेराज प्रखंड के लगभग एक दर्जन पंचायत के दर्जनों गांव गंडक नदी के तटबंध के आसपास बसे हुए है। गंडक नदी में बाढ़ आने से तटबंध पर काफी दबाव बनता है। दो वर्ष पूर्व गंडक नदी में पानी का दबाव बढ़ने से संग्रामपुर के भवानीपुर में गंडक नदी का तटबंध टूट गया था। जिससे दर्जनों गांव सहित आसपास के लोग प्रभावित हुए थे। वही पिछले वर्ष भी सरेया के शनिचरी,ढाला ,पीपरा ,नवादा ,मिश्रौलिया पंचायत के सामने गंडक नदी में जलस्तर अधिक बढ़ने के कारण दबाव अधिक बढ़ा था। जबकि सरेया पंचायत के सामने बांध नीचे होने के कारण बांध के ऊपर से पानी बहने लगा था। प्रशासन व सरेया पंचायत के मुखिया व ग्रामीणों के सहयोग से तटबंध की भराई करने पर खतरा टला था। गंडक तटवर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों की माने तो सरकार द्वारा तटबंध भराई में संवेदक द्वारा अच्छा से कार्य किया गया होता व संबंधित पदाधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया होता तो परेशानी कम होती। अगर समय रहते समस्या का समाधान नही हुआ तो बराज से 5 लाख से अधिक पानी छूटने पर किसी अनहोनी से इंकार नही किया जा सकता। हालाँकि अरेराज एसडीओ संजीव कुमार ने बताया कि रैनकट वाले स्थल व कमजोर स्थल को चिन्हित कर त्वरित मरम्मति का कार्य करने का निर्देश कार्यपालक अभियंता को दिया गया है। गंडक नदी में जलस्तर अभी खतरे के निशान से कम है।

मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट 

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