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बहुत गुस्से में हैं नियोजित शिक्षक, महीनों से नहीं मिला है वेतन, कर्जा लेकर भर रहे हैं अपने परिवार का पेट

बहुत गुस्से में हैं नियोजित शिक्षक, महीनों से नहीं मिला है वेतन, कर्जा लेकर भर रहे हैं अपने परिवार का पेट

SHEIKHPURA : जिले के नियोजित शिक्षक महीनों से वेतन नहीं मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. उनके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. दिसंबर माह से अब तक वेतन न मिल पाने और आसमान छूती महंगाई के बीच समझौता करते करते नियोजित शिक्षकों व उनके परिवार के लिए नया साल व मकर संक्रांति भी गुजर गए. अगले महीने होली है और ऐसे में वेतन का भुगतान नहीं होने से शिक्षकों की चिंताएं बढ़ गई है।


घर का किराया, बच्चों के नए कपड़े, पठन-पाठन का खर्च, बूढ़े माता-पिता के इलाज के लिए ये शिक्षक महाजन से मोटे सूद पर कर्ज़ लेने को मजबूर हैं. बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक संघ के बरबीघा अंचल सचिव संजय कुमार सहित अन्य शिक्षकों ने कहा कि नियमित सभी शिक्षकों को वेतन मिल रहा है जब कि नियोजित शिक्षकों का वेतन भुगतान जिले के शिक्षा पदाधिकारी तकनीकी वजह बता कर भुगतान रोक रखा है. जबकि भुगतान के लिए राज्य से आवंटन भी आया हुआ है.

यह सरकार की कैसी व्यवस्था है कि एक ही जिले में एक तरह के शिक्षकों को वेतन मिल रहा है जबकि दूसरे श्रेणी के शिक्षकों को महीनों से वेतन रोक कर उनके हित के साथ क्रूर मजाक किया जा रहा है. इतना अल्प वेतन वह भी समय से न मिल पाने से शिक्षकों और उनके परिजनों के बीच भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. शिक्षकों के ससमय वेतन ना मिलने की समस्या पुरानी बन गई है. इतनी महंगाई और पर्व त्योहारों के बीच पैसों की तंगी के कारण नियोजित शिक्षक अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों से नजर चुराते रहते है. बच्चों और बूढ़े माता-पिता के लिए नए कपड़े, उनकी दवाइयों के खर्च का बोझ एवं अन्य जिम्मेवारियों का वहन ना कर पाने की वजह से वे आए दिन अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं.



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