DESK. प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को तलब किया है। इस मामले को 2015 में जांच एजेंसी ने बंद कर दिया था. जल्द ही दोनों नेताओं को ईडी के सामने पेश होना होगा और सवालों के जवाब देना होगा. सूत्रों का अनुसार सोनिया 8 जून को पूछताछ के लिए जाएंगी, अगर राहुल गांधी उस दिन फ्री रहे तो वो भी जा सकते हैं.
सोनिया और राहुल को समन जारी होने के बाद कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा. पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार कांग्रेस से डर गई है और तानाशाही पर उतारू है. सुरजेवाला ने कहा कि यह समन गैर कानूनी है. वहीं कांग्रेस नेता अभिषेक मनु संघवी ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी से आम जनता का ध्यान भटकाने की कवायद के तहत केंद्र सरकार के इशारों पर यह सब हो रहा है. कांग्रेस या उसके नेता डरने वाले नहीं हैं. कांग्रेस नेता उदित राज ने भी कहा है कि सरकार ईडी का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को डराने के लिए कर रही है. कांग्रेस इसका जमकर विरोध करेगी.
उन्होंने कहा, अंग्रेजी हुकूमत को जड़ से उखाड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साल 1937 में नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला। अंग्रेजो को इस अखबार से इतना खतरा महसूस हुआ कि उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान नेशनल हेराल्ड पर बैन लगा दिया. ज फिर आज़ादी के आंदोलन के इस आवाज को दबाने का घिनौना षड्यंत्र रचा जा रहा है जिसके मुखिया स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है और उनका हथियार ED है
हाल के दिनों में कांग्रेस नेता पवन बंसल और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी समन जारी हुए हैं. नेशनल हेराल्ड का यह पूरा मामला सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट तक पहुंचाया है. समन जारी होने के बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि यह तो होना ही था. कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ यह बहुत बड़ा केस है.
वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि ईडी संवैधानिक संस्था है जो अपने हिसाब से काम कर रही है. जब किसी आम आदमी को नोटिस जारी होता है तो कांग्रेस को ईडी बुरी नहीं लगती, लेकिन जब उसके नेताओं को नोटिस मिला तो संविधान खतरे में हो जाता है.