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स्वतंत्रता सेनानी की बेटी से मांगा जा रहा बेटी होने का सबूत, खुद को वारिस साबित करने के लिए दो साल से लगा रहीं विभागों के चक्कर

स्वतंत्रता सेनानी की बेटी से मांगा जा रहा बेटी होने का सबूत, खुद को वारिस साबित करने के लिए दो साल से लगा रहीं विभागों के चक्कर

SAMASTIPUR : स्वतंत्रता संग्राम में इस देश के लिए जिसने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, आज उसकी बेटी से ही बेटी होने का सबूत मांगा जा रहा है. जिस परिवार को जिला प्रशासन द्वारा मान सम्मान दिया जाना चाहिए था, आज वह परिवार अपनी पहचान साबित करने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है. जिले के रोसड़ा थाना क्षेत्र के भिरहा गांव के स्वतंत्रता सेनानी रामसुदिष्ट राय की बेटी मंजीरा झा को जिला प्रशासन द्वारा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है. पिछले दो वर्षों में अंचल से लेकर जिला का चक्कर लगा लगा कर थक चुकी मंजीरा झा ने अब इसकी शिकायत सीएम से की है. 

मामले में मंजीरा झा का बताना है कि उनके पिता रामसुदिष्ट राय स्वतंत्रता सेनानी थे. उनके छह संतानों में वह चौथी संतान है. उनकी शादी मथुरापुर निवासी राज कुमार झा से हुई है. उसे दो पुत्र भी हैं. उनके पिता को स्वतंत्रता सैनिक सम्मान योजना के तहत 1978 का आसपास से पेंशन मिल रहा था. उनके देहांत के बाद उनकी मां योगमाया देवी को सेंट्रल बैंक भिरहा के शाखा से वर्ष 2002 तक पेंशन प्राप्त होता रहा. अब वो भी बीमार हैं. क्योंकि स्वतंत्रता सेनानी के दो पीढ़ियों को राज्य सरकार के सेवाओं में दो प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण प्राप्त होता है. इसको देखते हुए उन्होंने अपने पुत्र के साथ जिलाधिकारी को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के लिए दो वर्ष पूर्व आवेदन दिया. जिसकी जांच जिला से रोसड़ा अंचलाधिकारी अम्बपाली यादव को सौंपा गया. 

बेटी होने का मांगा प्रमाण

जहां उनसे स्वतंत्रता सेनानी के बेटी होने का सबूत मांगा गया. उन्होंने सबूत के तौर पर बिहार बोर्ड के दसवीं का सर्टिफिकेट, बारहवीं के एडमिट कार्ड, आधार कार्ड के साथ साथ शपथ पत्र भी दिया, लेकिन इसे मान्यता नहीं दी गयी. फिर उन्हें वंशावली पेश करने को कहा गया. उन्होंने वंशावली भी जमा किया लेकिन उसके बाद भी उन्हें उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के लिए लगातार दौड़ाया जा रहा है. थक हारकर उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की है.

यह है स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के लिए नियम

 यहां बता दें कि वर्ष 2016 के बिहार सरकार के गजट के मुताबिक बिहार राज्य के पेंशन प्राप्त स्वतंत्रता सेनानियों के दो पीढ़ी तक उत्तराधिकार प्रमाण पत्र निर्गत करने एवं उनके सभी उत्तराधिकारियों पोता/पोती/नाती/नतिनी को राज्य सरकार की सेवाओं में नियुक्ति में दो प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण प्रदान करने का आदेश दिया गया था. स्वतंत्रता सेनानी के पारिवारिक सदस्यों को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए सभी जिला पदाधिकारी को अधिकृत किया गया था. जिलाधिकारी द्वारा मनोनीत अपर समाहर्ता स्तर के अधिकारी को इस प्रमाण पत्र को निर्गत करने के लिए सक्षम बताया गया था.

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